नई दिल्ली, 24 अप्रैल| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को आगामी मानसून में पानी को बचाने का आह्वान किया जिससे वर्तमान में जलसंकट से जूझ रहे देश के अलग-अलग हिस्सों की समस्या को दूर किया जा सके। मोदी ने अपने 19वें मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा, “क्या हम इस बार गांव दर गांव एक जल संचयन अभियान चला सकते हैं? लोग इस साल अपने जलाशयों को साफ कर अपनी भंडारण क्षमता बढ़ा सकते हैं और किसान इन जलाशयों की मिट्टी का इस्तेमाल अपने खेतों में ऊपरी परत के रूप में कर सकते हैं। यह उनकी फसल में भी मदद करेगा।”
उन्होंने कहा, “जब से जानकारी मिली है कि इस साल सामान्य से अधिक बारिश होगी तब से लोग उत्साहित हैं, क्योंकि यह खबर सबके लिए सुकून व खुशी लाई है। हमारे लोगों को इस मौसम में ज्यादा से ज्यादा जल संचयन करने के मौके का उपयोग करना चाहिए।”
मोदी ने देश में सूखे जैसे हालात से जूझ रहे विभिन्न हिस्सों को फौरी राहत पहुंचाने के लिए भारतीय रेलवे व आमजन की ओर से किए गए प्रयासों को सराहा।
उन्होंने कहा, “रेलवे ने बहुत तत्परता से पानी लातूर भेजा। यह बहुत प्रशंसनीय है, लेकिन देशभर में आमजन ने भी जल संरक्षण की कई पहल कीं, जिन्हें कभी पहचान नहीं मिली।”
मोदी ने इस क्रम में महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले का उदाहरण दिया, जहां किसानों ने उन फसलों की खेती बंद कर दी है जिनमें ज्यादा पानी की जरूरत होती है।
मोदी ने कहा, “किसानों ने (अधिक पानी लेने वाले) ईंख नहीं उगाने का फैसला किया है। उन्होंने फलों व सब्जियों का रुख कर लिया है, जिनके लिए अपेक्षाकृत कम पानी की जरूरत पड़ती है।”
प्रधानमंत्री ने लोगों से उनके गृहराज्य गुजरात के पोरबंदर इलाके के गांवों से प्रेरणा लेने के लिए कहा, जहां लोग अपने घरों में भूमिगत टैंकों में बारिश के पानी का संचयन करते हैं।
(आईएएनएस)
फाईल फोटोः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।
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