नई दिल्ली, 30 मार्च। बेल्जियम, अमरीका और सऊदी अरब की यात्रा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार रात दौरे पर रवाना होंगे। इस दौरान वह बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इसके बाद वह वाशिंगटन जाकर परमाणु सुरक्षा सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। वापसी के दौरान वह दो दिन सऊदी अरब में ठहरेंगे।
विदेश मंत्रालय में यूरोप एवं पश्चिमी देशों के मामलों की संयुक्त सचिव नंदिनी सिंगला ने कहा कि भारत-यूरोपीय संघ द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन की शुरुआत वर्ष 2000 में हुई थी और यह रिश्ता वर्ष 2004 में रणनीतिक साझेदार में बदल गया।
सिंगला ने कहा, “यूरोपीय संघ के जो 10 रणनीतिक साझेदार हैं, उनमें आज भारत भी एक है।”
बेल्जियम यूरोपीय संघ में भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।
बेल्जियम के प्रधानमंत्री मोदी के लिए भोज आयोजित करेंगे। इस दौरान वह बेल्जियम के व्यापारियों और कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ाने के मकसद से मुलाकात करेंगे।
मोदी अपनी यात्रा के दौरान बेल्जियम में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से भी मिलेंगे। वहां करीब 20 हजार भारतीय रहते हैं। उनमें बहुत सारे हीरा के व्यापार में लगे हैं।
प्रधानमंत्री यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष जीन-क्लाउड जंकर से भी मुलाकात करेंगे।
उसके बाद मोदी 31 मार्च को वाशिंगटन पहुंचेंगे और यहां चौथे परमाणु सुरक्षा सम्मेलन (एनएसएस) में भाग लेंगे।
वाशिंगटन से दो अप्रैल को लौटने के दौरान मोदी दो दिन रियाद में रुकेंगे। वह शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद के निमंत्रण पर सऊदी अरब रुक रहे हैं।
वर्ष 2010 में तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के दौरे के बाद सऊदी अरब का भारतीय प्रधानमंत्री का पहला दौरा है।
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