हमीरपुर, 7 मई (आईएएनएस/आईपीएन)। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के दौरान सुविधा शुल्क न मिलने से झल्लाई एएनएम ने प्रसव के दौरान लापरवाही बरती। जोर जबरदस्ती में नवजात शिशु की दाहिनी जांघ की हड्डी टूट गई। ग्राम मसगवां निवासी श्रवण की पत्नी सजनी को प्रसव वेदना होने पर गुरुवार की रात लगभग 11 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के लिए भर्ती कराया गया। प्रसूता का पति श्रवण कुमार ने बताया कि अस्पताल में उसे स्वास्थ्यकर्मी कमलेश गुप्ता ने बताया गया कि डिलीवरी नार्मल हो जाएगी, लेकिन तीन हजार रुपये लगेंगे।
श्रवण के मुताबिक, जब उसने रुपये देने में असमर्थता जताई तो एएनएम बुरी तरह झल्ला गई। सुविधा शुल्क न मिलने से झल्लाई एएनएम ने प्रसव के दौरान लापरवाही बरती। जोर जबरदस्ती में नवजात शिशु के दाहिने पैर के जांघ की हड्डी टूट गई। फिर भी एएनएम को कोई फर्क नहीं पड़ा। उसने उल्टे प्रसूता के परिजनों को ही दबाब में लेने का प्रयास किया। उसने खुद ही नवजात के पैर में पट्टी लपेट कर उसे परिजनों को सौंप दिया, और वहां से चलती बनी।
श्रवण का कहना है कि इस मामले में प्रसूता को अस्पताल लाने वाली आशा सावित्री की भूमिका भी संदिग्ध रही। क्योंकि सावित्री प्रसूता और उसके परिजनों से लापरवाही बरतने वाली एएनएम के खिलाफ किसी भी प्रकार की शिकायत न करने की चिरौरी करती देखी गई।
श्रवण ने इस संबंध में जब अपर सीएमओ से बात करनी चाही तो उनका मोबाइल रिसीव नहीं हुआ।
डिप्टी सीएमओ डॉ. आर.पी. वर्मा ने कहा यदि प्रसव के दौरान कोई लापरवाही की गई है, जिससे शिशु को नुकसान हुआ है तो एएनएम पर कार्रवाई की जाएगी।
श्रवण ने बताया कि कमलेश गुप्ता की राठ सीएचसी में नियुक्ति नहीं है। इसके बावजूद वह रोज रात वहां पहुंचकर प्रसव कराती है। वह पैसे वसूलती है और दबंगई से प्रसव कार्य करती है। इस सीएचसी में प्रसूताओं के परिजनों से प्रसव के नाम पर तीन से पांच हजार रुपये तक की वसूली खुलेआम होती है।
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