प्रसिद्ध तबलाादक शंकर घोष नहीं रहे

कोलकाता, 23 जनवरी । हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के फर्रुखाबाद घराने प्रसिद्ध तबला वादक शंकर घोष का निधन हो गया। वे 80 वर्ष के थे। शनिवार को उन्होंने दक्षिण कोलकाता स्थित एक गैरसरकारी अस्पताल में अंतिम सांस ली। उन्हें केन्द्रीय संगीत नाटक अकादमी के अलावा अनेक पुरस्कारों से नवाजा गया था।

वे अपने पीछे अपनी पत्नी संजुक्ता घोष और बेटे बिक्रम घोष को छोड़ गए हैं। पत्नी और बेटे दोनों ही शास्त्रीय गायकी और वादन के जाने माने कलाकार हैं।

वर्ष 1953 में ज्ञान प्रकाश घोष की सागिर्दी में तबला वादन के सफर की शुरूआत करने वाले शंकर घोष ने देश के नामी संगीतकारों के साथ संगत की थी। बाद में उन्होंने पंडित अनाथ नाथ बोस, पंडित सुदर्शन अधिकारी तथा उस्ताद फिरोज खां से भी तबला वादन के गुर सीखे।

देश विदेश में दर्जनो शो कर चुके शंकर घोष ने बडे गुलाम अली खां, पंडित रविशंकर, उस्ताद विलायत खां, पंडित निखिल बनर्जी, पंडित ओंकारनाथ ठाकुर, गिरिजा देवी, अख्तरी बाई जैसे सिद्धहस्त कलाकारों के साथ काम किया। उनके निधन से संगीत कला जगत में शोक की लहर दौड गई है।