प्लास्टिक कैरी बैग की मोटाई बढ़ाई गई, कानून गाँवों में भी लागू

नई दिल्ली, 19 (जनसमा)।  सरकार ने प्लास्टिक कैरी बैग की न्यूनतम मोटाई को बढ़ा दिया है। अब  न्यूनतम मोटाई 50 माइक्रॉन कर दी गई है। यह कानून अब शहरों में ही नहीं गाँवों में भी लागू रहेगा।

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री प्रकाश जावडेकर ने  यहां कहा कि प्लास्टिक कैरी बैग की न्यूनतम मोटाई 40 माइक्रॉन से बढ़ाकर 50 माइक्रॉन कर दी गई है।

हर दिन 15000 टन प्लास्टिक कचरा इकट्ठा होता है, जिसमें से 9000 टन को एकत्र कर प्रोसेस किया जाता है, लेकिन 6000 टन प्लास्टिक कचरे को एकत्र नहीं किया जा रहा है।

पूर्ववर्ती प्लास्टिक कचरा (प्रबंधन एवं संचालन) नियम, 2011 को दरकिनार कर उनके स्थान पर प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियम, 2016 अधिसूचित किये हैं।

जावडेकर ने यह भी कहा कि जो नियम पहले नगर निगम के क्षेत्रों तक ही स्वीकार्य थे, उन्हें अब सभी गांवों तक बढ़ा दिया गया है। नए प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियमों को अधिसूचित किया जाना समस्त कचरा प्रबंधन नियमों में बदलाव का ही एक हिस्सा है। जावडेकर ने कहा कि इससे हमारे प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन को पूरा करने में मदद मिलेगी।

मसौदा नियमों, अर्थात प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियम 2015 को भारत सरकार द्वारा भारत के राजपत्र में 25 मई, 2015 को प्रकाशित किया गया था। प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियम, 2016 के उद्देश्य हैं:

  • प्लास्टिक कैरी बैग की न्यूनतम मोटाई को 40 माइक्रॉन से बढ़ाकर 50 माइक्रॉन करना।
  • नियमों पर अमल के दायरे को नगरपालिका क्षेत्र से बढ़ा कर ग्रामीण क्षेत्रों तक कर देना, क्योंकि प्लास्टिक ग्रामीण क्षेत्रों में भी पहुंच गया है।
  • प्लास्टिक कैरी बैग के उत्पादकों, आयातकों एवं इन्हें बेचने वाले वेंडरों के पूर्व-पंजीकरण के माध्यम से प्लास्टिक कचरा प्रबंधन शुल्क के संग्रह की शुरुआत करना।