मुंबई, 27 सितम्बर | बॉलीवुड अभिनेता अर्जुन कपूर का कहना है कि नवोदित फिल्मकारों के लिए फिल्म महोत्सव शिक्षा का विशुद्ध रूप होते हैं। अभिनेता ने यह बात सातवें जागरण फिल्म महोत्सव के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान कही। उन्होंने कहा, “जागरण फिल्म महोत्सव पिछले सात सालों से लगातार आयोजित हो रहा है। मुझे फिल्म उद्योग के लिए यह फायदेमंद लगता है। मान लीजिए अगर कोई नवोदित फिल्मकार अलग किस्म की फिल्म देखना चाहता है, जो आम सिनेमाघरों में प्रदर्शित नहीं होती, वह यहां चर्चा में शामिल होकर या प्रशिक्षण से संबंधित चीजों से जुड़कर देख सकता है।”
अभिनेता का कहना है कि फिल्म महोत्सव का व्यवसायिकरण कर भ्रष्ट नहीं बनाना चाहिए और हर छोटी-बड़ी फिल्म को कहानी के आधार पर प्रदर्शित करना चाहिए।
जागरण फिल्म महोत्सव का सातवां संस्करण एक सप्ताह तक चलेगा और इसकी शुरुआत अल्जीरियाई फिल्म ‘रोड टू इस्तांबुल’ के प्रदर्शन से होगी।
‘की एंड का’ के अभिनेता ने कहा कि ‘रोड टू इस्तांबुल’ भारतीय फिल्म ‘पिंक’ की भांति प्रासंगिक है। माता-पिता और बच्चों के संबंध पर आधारित इस फिल्म से दुनियाभर के अभिभावक जुड़ाव महसूस करेंगे। कई बार सिनेमा जीवन से प्रेरणा लेती है।
‘रोड टू इस्तांबुल’ 92 मिनट लंबी फिल्म है, जो यूरोप के युवकों द्वारा इस्लाम धर्म अपनाने और जिहादी मुद्दों के इर्द-गिर्द घूमती है।
इस फिल्म महोत्सव के दौरान कई लोकप्रिय भारतीय फिल्मों जैसे ‘एयरलिफ्ट’, ‘नीरजा’, ‘सरबजीत’, ‘तलवार’, ‘नटसम्राट’, ‘अलीगढ़’, ‘सैराट’ और ‘मिथिला मखान’ आदि को प्रदर्शित किया जाएगा। –आईएएनएस
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