नई दिल्ली, 26 जनवरी (जनसमा)। फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रास्वां आलांदे की भारत यात्रा से दोनों देशों के बीच संबंध न केवल और गहरे और मजबूत होंगे बल्कि आतंकवाद को समाप्त करने की मुहिम को और अधिक अंतरराष्ट्रीय समर्थन और ताकत मिलेगी। पठानकोट में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर फ्रांस ने भारत के प्रति जो समर्थन और एकजुटता दिखाई है भारत उसकी सराहना करता है।
निस्संदेह कहा जासकता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फ्रांस के साथ संबंधों को और अधिक मजबूत बनाने के लिए जो कूटनीतिक औा आर्थिक प्रयत्न किए वे अपने आप में भारत की ताकत को विश्व में दर्शाने का महत्वपूर्ण प्रयास है। इससे न केवल पश्चिमी देशों में बल्कि दुनिया में भारत को सकारात्मक सहयोग भी मिलेगा।
पिछले दिनों पेरिस में सम्पन्न हुए सीओपी.21 सम्मेलन के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राजकीय भोज में बधाई देते हुए कहा था कि रक्षा, अंतरिक्ष, असैन्य परमाणु ऊर्जा और सुरक्षा के क्षेत्रों में भारत और फ्रांस की रणनीतिक भागीदारी की बढ़ती हुई शक्ति दोनों देशों के दरमियान मजबूत आपसी विश्वास और समझ को दर्शाती है।
प्रणब मुखर्जी ने फ्रांस के राष्ट्रपति को उनके नेतृत्व और पिछले नवंबर में पेरिस में हुए नृशंस आतंकी हमलों के मद्देनजर कड़ी कार्रवाई के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति ने जो प्रतिक्रिया दर्शायी है वह फ्रांस की जनता की इस भावना और दृढ़ संकल्प को व्यक्त करती है कि आतंकवादियों को सफल नहीं होने देंगे।
आतंकवादी हमलें चाहे पेरिस में हुए हों या पठानकोट में, ये हमले स्वतंत्रता और विश्व बंधुत्व के मौलिक मूल्यों पर हमले हैं। आतंकवाद एक वैश्विक खतरा है जो सभी देशों के लिए चुनौती पैदा कर रहा है। आतंकवादी कृत्यों को कोई भी न्याय संगत नहीं ठहरा सकता है। इसके लिए आवश्यक है कि पूरा विश्व बिना किसी राजनीतिक विचार के इसके खिलाफ एक सुर में कड़ी कार्रवाई करे।
फ्रांस एक मात्र ऐसा देश है जिसे भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में पांचवी बार मुख्य अतिथि बनने का गौरव प्राप्त हुआ है। यह एक बार फिर नए इतिहास का निर्माण है क्योंकि गणतंत्र दिवस की परेड में भाग लेने वाला पहला विदेशी दस्ता है। यह केवल इतिहास नहीं है बल्कि यह दो सभ्यताओं और दो देशों की जनता के दरमियान गहरे संबंधों का प्रमाण है। इसके साथ-साथ भारत की दीर्घकालीन रणनीतिक भागीदारी के लिए भी एक श्रद्धांजलि है।
भारत का कहना है कि विज्ञान और अनुसंधान, शिक्षा, संस्कृति और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहयोग बढ़ रहा है। फ्रांस की सरकार और फ्रांस के उद्योग जगत के दिग्गज भारत की महत्वाकांक्षी विकासात्मक पहल, बुनियादी सुविधाओं, स्मार्ट सिटी, स्वच्छ ऊर्जा, रेलवे और कौशल विकास में सक्रिय रूप से भाग ले रहें हैं।
यह भी उल्लेखनीय है कि भारत और फ्रांस की पुरातात्विक टीम ने चंडीगढ़ में 26 लाख साल पहले के एेतिहासिक निष्कर्षों का पता लगाया है और मंगल ग्रह के अन्वेषण में भारत-फ्रांस भागीदारी का प्रस्ताव किया है। यह कदत भागीदारी की अतुल्य गहराई को दर्शाता है।
चंडीगढ़ एक ऐसा क्षेत्र है जहां एक सदी पहले हजारों भारतीय सैनिकों ने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान फ्रांस के लिए लड़ाई लड़ी थी और दस हजार के करीब सैनिक इस क्षेत्र में यहां-वहां बिखरे हुए कब्रिस्तान में दफन हैं। इन्होंने फ्रांस की स्वतंत्रता के लिए सर्वोच्च बलिदान दिए हैं।
फ्रांस के राष्ट्रपति की भारत यात्रा से भारत और फ्रांस द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचने और सभी के लिए शांति, स्थिरता तथा समृद्धि की समान आकांक्षा में नई शुरूआत हो रही है।
Follow @JansamacharNews