नई दिल्ली , 23 सितंबर | भारत ने शुक्रवार को फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीद के एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इससे भारतीय वायुसेना की कई तरह की जरूरतों वाले महत्वपूर्ण अभियानों की जरूरत पूरी हो सकेगी। रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर और उनके फ्रांसीसी समकक्ष ज्यां-वेस ली ड्रियान ने यहां इस समझौते पर हस्ताक्षर किए।
समझौते से पहले मूल्य को लेकर काफी बातचीत हुई और इसके लिए भारत को 7.87 अरब यूरो की कीमत चुकानी होगी। समझौते में तकनीकी के हस्तांतरण का भी एक प्रावधान है।
समझौते के बाद पर्रिकर ने ट्वीट किया, “भारत के हवाई हमले और रक्षा क्षमता में विशेष सुधार होगा।”
समझौते में मूल्य संबंधी बातचीत को लेकर देरी हुई। इसके तहत 36 विमानों, पुर्जो और हथियारों की आपूर्ति होगी।
राफेल लड़ाकू विमान में कई उन्नत खूबियां जैसे उन्नत इलेक्टॉनिक स्कैन्ड एरे रडार, बीच हवा में ईंधन भरने की तकनीकी और विकसित इलेक्ट्रॉनिक युद्ध उपकरण होंगे।
जानकार सूत्रों ने कहा कि लड़ाकू विमान भारत में कई खेप में पहुंचेंगे। इसकी पहली दो खेप आने वाले महीनों में यहां आएगी।
फ्रांस का एक दल कुछ हफ्तों से समझौते से जुड़ी बातचीत के लिए नई दिल्ली में मौजूद था।
भारत ने साल 2012 में पूर्व संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के दौरान 126 राफेल विमान खरीदने का फैसला किया था। इसके तहत समझौते की अनुमानित कीमत 10.2 अरब डॉलर थी। इसमें 18 विमान तैयार अवस्था में और बाकी के भारत में बनाए जाने की योजना थी।
पिछले साल अप्रैल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस यात्रा के दौरान भारत ने 36 राफेल लड़ाकू विमान तैयार अवस्था में लेने की मंशा जताई और साथ ही भारतीय वायुसेना के महत्वपूर्ण अभियानों में कई भूमिका वाले विमान को जल्द लेने की बात कही।
इस साल जनवरी में 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए फ्रांस के साथ करार किया गया था। –आईएएनएस
Follow @JansamacharNews