कोलकाता, 11 अक्टूबर | दुर्गा पूजा का पर्व मंगलवार को समाप्त होने के साथ ही प्रतिमाओं को नदी, तालाबों व झीलों में विसर्जित कर दिया गया। श्रद्धालुओं ने आंसुओं के साथ मां दुर्गा को विदाई दी। राज्य सरकार व न्यायालय ने आदेश दिया था कि परिवारों या अपार्टमेंट में स्थापित प्रतिमाओं का विसर्जन शाम छह बजे तक हो जाना चाहिए। सामुदायिक पूजा की प्रतिमाओं का विसर्जन गुरुवार से होगा। सरकार ने फैसला किया था कि बुधवार को मुहर्रम के मद्देनजर प्रतिमा विसर्जन नहीं होगा।
गंगा व अन्य जलाशयों के निकट प्रतिमा विसर्जन के लिए लोगों का हुजूम देखा गया। ढोल की थाप पर लोग ‘ठाकुर ठाकबे कोतोकशोन, ठाकुर जाबे बिसर्जन’ बोलते हुए प्रतिमा विसर्जन करते दिखे।
महानवमी पूरा होने के बाद अब समय देवी का अपने पति भगवान शिव के पास लौटने का आ गया है, जो कैलाश पर्वत पर निवास करते हैं।
पुलिस ने कहा कि नदियों के किनारे सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई। साथ ही आपातकाल की स्थिति के लिए नौकाओं को तैयार रखा गया।
दशमी के मौके पर सुबह में विवाहित महिलाएं देवी की लंबी यात्रा के लिए उन्हें तैयार करते दिखीं और उन्होंने देवी को और एक-दूसरे को लाल सिंदूर लगाया।
साथ ही उन्होंने भगवान पर प्रसाद चढ़ाया और अपने परिवार के सुखमय जीवन की कामना की। –आईएएनएस
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