नई दिल्ली, 27 अक्टूबर | बच्चों के लोकप्रिय टीवी शो ‘गली गली सिम सिम’ से अभिप्रेरित होकर बचत की आदत विकसित करने के लिए तीन राज्यों के 90,000 बच्चों और महिलाओं तक पहुंच बनाना पंचवर्षीय पहल का लक्ष्य है।
सीसेम वर्कशॉप इंडिया (एसडब्ल्यूआई) की प्रबंध निदेशक साश्वती बनर्जी ने आईएएनएस से कहा, ” ‘सपना बचत उड़ान’ वैश्विक कार्यक्रम ‘ड्रीम, सेव डू; परिवारों के वित्तीय सशक्तीकरण’ का रूपांतरण है। लोगों को अच्छी योजना बनाने में मदद और भारत में गरीबी दूर करने में सहायता करने के लिए वित्तीय सशक्तीकरण काफी महत्वपूर्ण है।”
‘सपना, बचत, उड़ान’ पहल दिल्ली के मध्यम वर्ग परिवार के तीन से आठ साल के 20,000 बच्चों और राजस्थान तथा झारखंड के इसी उम्र के 70,000 बच्चों में स्वस्थ वित्तीय कौशल अर्जित करने और अच्छे व्यवहार सीखने में मुख्य रूप से मदद करती है।
मेटलाइफ फाउंडेशन द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम में बनर्जी ने कहा, “कार्यक्रम में चर्चा और व्यय, बचत और हिस्सेदारी की प्रभावी रणनीति बनाने के लिए भाषा में ‘गली गली सिम सिम’ के मप्पेट की विषयवस्तु की झलक मिलती है।”
जब उनसे कहा गया कि तीन से आठ साल के बच्चे बचत की संस्कृति आत्मसात करने योग्य नहीं होते हैं, इसलिए क्यों न उनके अभिभावकों को ऐसा करने के लिए न कहा जाए?
इस पर बनर्जी ने कहा, “कई अध्ययनों में माना गया है कि जीवन के शुरुआती साल (0-6) महत्वपूर्ण होता है, जिसमें बच्चे अपना संज्ञानात्मक, शारीरिक, सामाजिक और भावनात्मक विकास करते हैं, जिसे उन्हें जीवन भर सीखने की जरूरत होती है।”
यह कार्यक्रम दिल्ली में शाहदरा की कम आय वाली बस्तियों में शुरू किया गया है। एसडब्लूआई ने सब्जी के ठेले को चलित टीवी में तब्दील कर दिया है, जिसे खास क्षेत्रों की गलियों में ले जाया जाता है, जहां बच्चों को देखने के लिए चलते फिरते सत्र आयोजित किए जाते हैं, जिसमें वित्तीय साक्षरता पर शैक्षिक और मनोरंजक वीडियो दिखाए जाते हैं।
राजस्थान और झारखंड के गांवों में स्वयं सहायता समूहों के जरिए कार्यक्रम का क्रियान्वयन हो रहा है। यह समूह स्थानीय महिलाओं की समिति है, जिसमें महिलाएं आपस में मिलकर छोटी बचत करती हैं और सूक्ष्म वित्तीय गतिविधियों के लिए योगदान करती हैं।
===विष्णु मखिजानी
(फाइल फोटो)
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