नई दिल्ली, 29 फरवरी (जनसमा)। बजट 2016-17 में कर प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, ‘‘सरकार राष्ट्र निर्माण में करदाताओं की भूमिका के महत्व को स्वीकारती है। जनता से कर के रूप में उगाहे गए प्रत्येक रुपए का, बेहतर अवसंरचना मुहैया कराने, ग्रामीण पुनरुद्धार और सामाजिक कल्याण के सरकार के प्रयासों में योगदान देना होता है।’’
वित्त मंत्री ने छोटे करदाताओं को राहत देने के इरादे से 5 लाख रुपए तक की आय वाले व्यक्तियों पर कर का बोझ कम करने की दृष्टि से कर छूट की अधिकतम सीमा 2 हजार से बढ़ाकर 5 हजार रुपए करने का प्रस्ताव किया।
उन्होंने, जिन लोगों के पास अपना मकान नहीं है उनके लिए उनकी आय से प्रतिवर्ष मकान किराये के भुगतान के संबंध में कटौती की सीमा अब 24 हजार की जगह 60 हजार रुपए प्रतिवर्ष करने का भी प्रस्ताव किया।
छोटे और मध्यम उद्यमों जिनका टर्नओवर एक करोड़ रुपए से अधिक नहीं है और उनको अनुमानित कराधान स्कीम का लाभ मिल रहा था, अब इस स्कीम के अंतर्गत उनके टर्नओवर की सीमा बढ़ाकर 2 करोड़ रुपए करने का प्रस्ताव किया गया।
अरुण जेटली ने कहा कि मैं अनुमानित कराधान स्कीम को ऐसे व्यवसायियों के संबंध में भी लागू करने का प्रस्ताव करता हूं जिनकी सकल प्राप्तियां 50 लाख रुपए तक हैं, इस अनुमान के साथ कि लाभ सकल प्राप्तियों का 50 प्रतिशत है।
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