नई दिल्ली, 29 फरवरी (जनसमा)। लोकसभा में सोमवार को पेश किये गये बजट से रेडीमेड ब्रांडेड कपड़े, कोयला, लिग्नाइट, हीरा व सोने के आभूषण, कारें, सिगरेट मंहगे होंगे वहीं किसानों, ग्रामीणों और युवकों को अनेक तरह के लाभ होंगे।
बजट 2016-17 में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कृषि, ग्रामीण अर्थव्यवस्था तथा स्वच्छ पर्यावरण हेतु अतिरिक्त संसाधन जुटाने के लिए निम्नलिखित कर (टैक्स) प्रस्ताव किए हैं –
1. कंपनियों द्वारा प्रदत्त लाभांश वितरण कर के अलावा, प्रतिवर्ष 10 लाख रुपए से अधिक लाभांश प्राप्त करने वाले प्राप्तकर्ताओं अर्थात व्यष्टियों, हिंदू अविभाजित परिवारों और फर्मों को लाभांश की सकल राशि के 10 प्रतिशत की दर से टैक्स देना होगा।
2. कंपनियों, फर्मों और सहकारी समितियों को छोड़कर, 1 करोड़ रुपए से अधिक आय वाले व्यक्तियों पर अधिभार 12 प्रतिशत से बढ़कर 15 प्रतिशत हुआ।
3. दस लाख रुपए से अधिक की लग्ज़री कारों की खरीद पर और दो लाख रुपए से अधिक की वस्तुओं और सेवाओं की नकद खरीद पर 1 प्रतिशत टैक्स लगेगा।
4. ‘विकल्पों’ के मामले में प्रतिभूति लेनदेन कर की दर 0.017 प्रतिशत से बढ़कर 0.05 प्रतिशत।
5. सर्विस टैक्स में 0.5 प्रतिशत की दर से कृषि कल्याण उपकर (सेस) लगेगा।
6. पेट्रोल, एलपीजी, सीएनजी की छोटी कारों पर 1 प्रतिशत, डीजल कारों पर 2.5 प्रतिशत तथा एसयूवी कारों पर 4 प्रतिशत टैक्स।
7. हीरा व सोने के आभूषणों पर निविष्टि कर-क्रेडिट के बगैर 1 प्रतिशत या निविष्टि कर-क्रेडिट के साथ 12.5 प्रतिशत टैक्स।
8. 1 हजार रुपए से ऊपर के रेडीमेड ब्रांडेड कपड़ों या कपड़े से बनी वस्तुओं पर उत्पाद शुक्ल को ‘निविष्टि कर-क्रेडिट के बगैर 2 प्रतिशत या निविष्टि कर-क्रेडिट के साथ 12.5 प्रतिशत टैक्स।
9. कोयला, लिग्नाइट और पीट पर लगाए गए ‘स्वच्छ ऊर्जा सेस’ का नाम बदलकर ‘स्वच्छ पर्यावरण सेस’ करने के साथ ही इसकी दर 200 रुपए प्रतिटन से बढ़ाकर 400 रुपए प्रतिटन हुई।
10. तम्बाकू और तम्बाकू उत्पादों पर उत्पाद शुल्क (एक्साइज़) लगभग 10 प्रतिशत से 15 प्रतिशत तक बढ़ेगी।
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