बांग्लादेश आज 16 दिसंबर 2022 को अपना 52वां विजय दिवस मना रहा है। करीब 9 महीने तक चली एक वीरतापूर्ण लड़ाई के बाद, जनरल एकेए नियाज़ी के नेतृत्व में पाकिस्तानी सशस्त्र बलों ने 1971 में भारतीय सेना और मुक्तिबाहिनी के सामने अपनी 93,000 सेनाओं के साथ आत्मसमर्पण कर दिया था।
उस समय श्रीमती इन्दिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री थी।
52वें विजय दिवस के अवसर पर ढाका शहर और बांग्लादेश के अन्य स्थानों में माहौल खुशी, गर्व और उल्लासपूर्ण दिखाई दे रहा है।
राष्ट्रपति अब्दुल हमीद और प्रधान मंत्री शेख हसीना ने ढाका में नेशनल परेड स्क्वायर में बांग्लादेश सशस्त्र बलों द्वारा रंगारंग परेड देखी, जबकि स्कूलों, कॉलेजों और आवासीय क्षेत्रों में झंडा फहराने, राष्ट्रगान गाने और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के साथ बिजॉय दिवस मनाया गया।
राष्ट्रपति हामिद और प्रधान मंत्री हसीना ने आज मुक्ति पर्व के दिन की शुरुआत धानमंडी में बंगबंधु शेख मुजीब के स्मारक पर मुक्ति संग्राम के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के साथ की।
यह दिन भारत-बांग्लादेश मैत्रीपूर्ण संबंधों का प्रमाण है क्योंकि भारत ने क्रूर और दमनकारी पाकिस्तानी सेना के खिलाफ अपने लोगों के संघर्ष के आधार पर बांग्लादेश की मुक्ति के लिए सैन्य, मानवीय और नैतिक समर्थन देकर बांग्लादेश की मुक्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
वास्तव में, यह न केवल बांग्लादेश के लिए बल्कि भारत और मानवता के लिए भी जीत का दिन है क्योंकि यह दुनिया भर में क्रूरता और शोषण की ताकतों पर लोगों की जीत का प्रतीक है।
फोटो साभार : बांग्लादेश सूचना विभाग
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