नई दिल्ली, 23 मई | भारतीय बाजार में मिलने वाले अधिकांश ब्रेड में पोटेशियम ब्रोमेट या आयोडेट जैसे रसायन मिले होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक हैं। यह जानकारी सेंटर फॉर साइंस एंड एनवॉरमेंट (सीएसई) द्वारा कराए गए एक अध्ययन से मिली। सीएसई के प्रदूषण निगरानी प्रयोगशाला द्वारा कराए गए अध्ययन की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में ब्रेड बनाने वाली कंपनियां आटे का प्रस्संकरण करने के लिए पोटेशियम ब्रोमेट और पोटेशियम आयोडेट का प्रयोग करती हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है, “कई देशों में ब्रेड निर्माण उद्योग में इन रसायनों के उपयोग पर पाबंदी है, क्योंकि वे लोक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक पदार्थो की सूची में आते हैं। इनमें से एक 2बी कार्सिनोजेन श्रेणी में आता है जबकि दूसरे से थॉयराइड ग्रंथि में खराबी आती है। भारत में इन पर पाबंदी नहीं लगाई गई है।”
सीएसई ने बाजार में आम तौर पर मिलने वाले 38 ब्रांड के ब्रेड, पाव और बन, रेडी-टू-ईट बर्गर ब्रेड और दिल्ली के लोकप्रिय फास्ट फूड आउटलेटों के रेडी-टू-ईट पिज्जा ब्रेड के नमूनों की जांच की।
सीएसई के उप महानिदेशक चंद्र भूषण ने कहा, “हमने 84 फीसदी नमूनों में पाटेशियम ब्रोमेट या आयोडेट पाए। कुछ नमूनों में हमने दूसरे प्रयोगशालाओं से भी इनकी मौजूदगी की पुष्टि की।”
1999 में इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (आईएआरसी) ने पोटेशियम ब्रोमेट को कैंसर पैदा करने वाला बताया। जांच से पता चला कि इससे किडनी, थॉयराइड ग्रंथि और पेट में कैंसर हो सकता है।
यूरोपीय संघ ने 1990 में इन रसायनों पर प्रतिबंध लगा दिया है। ब्रिटेन, कनाडा, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, चीन, श्रीलंका, ब्राजील, नाइजीरिया, पेरू और कोलंबिया ने भी पोटेशियम ब्रोमेट के उपयोग पर पाबंदी लगा दी है।
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