उज्जैन, 26 जुलाई | मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में श्रावण मास के पहले सोमवार को राजा बाबा महाकाल की सवारी निकली। बाबा महाकाल के दर्शनों के लिए हजारों लोगों की भीड़ उमड़ी। मान्यता है कि बाबा महाकाल अपनी प्रजा का हाल जानने सावन में सोमवार नगर भ्रमण पर निकलते हैं। महाकालेश्वर हर्षोल्लास के साथ भ्रमण पर निकले और सवारी मार्ग के दोनों ओर लाखों नर-नारियों ने पुष्पवर्षा कर भगवान के दर्शन किए। बाबा महाकाल जैसे ही महाकालेश्वर मंदिर से नगर भ्रमण की ओर निकले वैसे ही हर तरफ ‘उज्जियनी में आनंद भयो, जय बाबा महाकाल’, ‘बम बम भोले’ के उद्घोष गूंजने लगे।
महाकाल मंदिर के मुख्यद्वार पर सवारी के पहुंचते ही सशस्त्र पुलिस बल के जवानों ने सलामी दी।
बाबा महाकाल की सवारी विभिन्न मार्गों से होते हुए शिप्रा तट रामघाट पहुंची। वहां सवारी पहुंचने के पूर्व सड़क के दोनों ओर लाखों श्रद्धालुओं ने भगवान भोलेनाथ के दर्शन लाभ लिए।
सवारी के आगे आगे तोपची तोप छोड़ रहे थे, ताकि जनता जनार्दन को मालूम हो सके कि बाबा महाकाल प्रजा के हाल जानने नगर के लिए निकले हैं। सवारी के आगे घुड़सवार की टुकड़ी, पुलिस बैंड, सशस्त्र पुलिस बल के जवानों की टुकड़ी, उसके बाद अन्य सेवा दल आदि दलों के टुकड़ियां कतारबद्ध चल रहे थे।
सवारी के क्षिप्रा तट पर पहुंचने पर क्षिप्रा के जल से अभिषेक कर विधिवत पूजा-अर्चना की गई। रामघाट के सामने दत्त अखाड़ा की ओर भगवान महाकाल की पूजा-अर्चना की गई।
रामघाट शिप्रा तट पर पूजन-अर्चन के बाद सवारी रामानुज कोट, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चैक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार से गुदरी चौराहा होते हुए फिर महाकालेश्वर मंदिर पहुंची।–आईएएनएस
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