रांची, 11 अगस्त | झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, दो विधायकों और विपक्षी पार्टियों के नेताओं को गुरुवार को उस समय गिरफ्तार कर लिया गया जब वे नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (एनटीपीसी) द्वारा कथित तौर पर जबरन भूमि अधिग्रहण के खिलाफ हजारीबाग में धरना प्रदर्शन करने जा रहे थे।
कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल और झारखंड विकास मोर्चा-प्रजातांत्रिक (झाविमो-प्र) के नेता बड़कागांव में धरना प्रदर्शन में हिस्सा लेने जा रहे थे, जहां एनटीपीसी को एक कोयला खंड आवंटित किया गया है।
बड़कागांव से कांग्रेस विधायक निर्मल देवी, झाविमो-प्र विधायक प्रदीप यादव, राजद की राज्य इकाई के अध्यक्ष गौतम सागर राणा और अन्य नेता बाबूलाल मरांडी के साथ मिलकर धरना प्रदर्शन में शामिल होने जा रहे थे।
कांग्रेस विधायक जबरन भूमि अधिग्रहण के खिलाफ स्थानीय लोगों के लिए लड़ रही हैं और उनके लिए मुआवजे की मांग कर रही हैं।
एनटपीसी को 2010 में कोयला खंड आवंटित किया गया था, लेकिन ग्रामीणों के विरोध के कारण काम शुरू नहीं हो पाया।
विपक्ष के नेताओं ने हजारीबाग जिले के बड़कागांव के पकरी-बरवाडीह इलाके में एनटीपीसी के आगामी कोयला खंड के लिए भूमि अधिग्रहण का विरोध कर रहे ग्रामीणों से 24 जुलाई को मुलाकात की थी।
एनटीपीसी ने चार अगस्त को मरांडी और विपक्ष के नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसके जवाब में वे अदालत में गिरफ्तारी देने गए थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने से इनकार कर दिया था।
विपक्ष के नेता इस मामले में स्थानीय निवासियों के साथ एकजुटता दर्शाने के लिए गुरुवार को फिर से हजारीबाग गए थे।
प्रदीप यादव ने संवाददाताओं को बताया, “जब तक जिला प्रशासन यह आश्वासन नहीं देता कि कृषि भूमि का अधिग्रहण नहीं किया जाएगा, जब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।”
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