नई दिल्ली, 7 अक्टूबर | बारिश के मौसम को कई लोग पसंद करते हैं तो कई लोगों को न चाहते हुए भी बारिश में भींगना पड़ता है। लेकिन बारिश अपने साथ समस्याएं लेकर भी आती है। कीचड़ युक्त सड़कों से फंगल इंफेक्शन यानी फफूंदीय संक्रमण भी फैलता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मौसम में लोगों को अपनी आंखों का खास ध्यान रखना चाहिए। बारिश के साथ आखों की समस्याएं बढ़ जाती हैं, जैसे नेत्र संक्रमण, कार्निया अल्सर, कंजक्टिवाइटिस आदि की समस्या एक आम समस्या बन गई है। आईटेक विजन सेंटर की ऑप्थैमोलॉजिस्ट डॉ. अंशिमा सिंह का कहना है कि इस मौसम में आंखों का संक्रमण एक सामान्य समस्या है। 10 में से 6 लोग आंखों की समस्या लेकर आते हैं। लोगों को इस मामले में सतर्क रहने की जरूरत है। सही तरीके से देखभाल की जाए तो इस समस्या से बचा जा सकता है।
उन्होंने बताया कि जब भी आंखों में किसी तरह का संक्रमण हो तो उनको रगड़ें नहीं। मानसून में आपके हाथों में कई तरह के रोगाणु चिपके होते हैं जो अनजाने आंखों में चले जाते हैं। इसके कारण आंखों में संक्रमण हो जाता है। वहीं, आंखों की देखभाल की काफी जरूरी है। आंखों की देखभाल तब शुरू होती है, जब आप नियमित रूप से आंखों को धुलते हैं, इससे आंखें साफ और सुरक्षित रहती हैं।
चूंकि मानसून में आंधी-तूफान और हवा के साथ धूल-मिट्टी के साथ दूसरे प्रदूषित कण होते हैं जो आंखों में चले जाते हैं। आखों को धोना ही इनसे बचाने का सबसे बेहतर तरीका है। अगर इसके बाद भी खुजली हो तो चिकित्सक से संपर्क करें।
उन्होंने बताया कि आंखों को अधिक दबाव बनाए जाने से संक्रमण होने की संभावना बढ़ जाती है। अगर आप घंटों कंप्यूटर पर काम करते हैं तो इससे आंखों पर दबाव पड़ना स्वाभाविक है। पलकों को न झपकाने और सफाई न करने से भी संक्रमण होता है। लोग आंखों की सफाई पर ध्यान नहीं देते जिससे आंखों का संक्रमण होता है। साथ ही कुछ चीजों को किसी दूसरे के साथ बिलकुल भी साझा न करें। तौलिया, आंखों का मेकअप, लेंस, शेड्स आदि चीजों को कभी भी साझा न करें। इससे आंखों का संक्रमण हो सकता है।
इसलिए जब भी आंखों में खुजली का एहसास हो, तुरंत आखों को धो लें, इसके बाद विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें। धूल के कण बहुत छोटे होते हैं जो आपकी आंखों को नुकसान पहुंचाते हैं। –आईएएनएस
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