बाल यौन शोषण सामग्री पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा आयोजित एक सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए आज 2 मार्च, 2023 को केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने फास्ट ट्रैक विशेष अदालतों को बाल यौन शोषण सामग्री से संबंधित मामलों की संख्या को समय पर निपटाने के लिए और अधिक प्रयास करने को आवश्यक बताया।
उन्होंने कहा, सभी अपराध बुरे हैं लेकिन बच्चों के खिलाफ अपराध को पचाना मुश्किल है और इनसे अलग तरीके से निपटने की जरूरत है।
उन्होंने ऐसे अपराधों से निपटने के लिए कानूनी प्रावधानों से परे जाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समाज को एक साथ आना चाहिए।
बाल यौन शोषण सामग्री का उत्पादन, वितरण और उपभोग बच्चों द्वारा सामना किए जाने वाले यौन शोषण के सबसे गंभीर रूपों में से एक है और लगातार उनके मानव अधिकारों का घोर उल्लंघन मनोवैज्ञानिक रूप से उनके विकास को बाधित कर रहा है।
उन्होंने कहा कि बच्चों के खिलाफ यौन हिंसा के मामलों से निपटने के लिए कई फास्ट ट्रैक विशेष अदालतें हैं। इन अदालतों ने 1,37,000 से अधिक मामलों का निपटारा किया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों के निस्तारण और सजा दर में सुधार की जरूरत है। उच्च न्यायालयों को इस पर गौर करने की जरूरत है।
इससे पहले, एनएचआरसी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने कहा कि ऑनलाइन बाल यौन शोषण सामग्री से संबंधित अपराधों की रोकथाम, पता लगाना, जांच और अभियोजन संबंधित राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की प्राथमिक जिम्मेदारी है। वैश्विक और राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर समन्वित प्रयास डिजिटल दुनिया को सफलतापूर्वक हमारे बच्चों के लिए सुरक्षित बनाएंगे। इंटरनेट सेवा प्रदाताओं और बिचौलियों को भी जिम्मेदारी साझा करनी होगी।
उन्होंने कहा कि हालांकि इंटरनेट क्रांतिकारी बदलाव लेकर आया लेकिन साइबर स्पेस का अब व्यक्तिगत गोपनीयता सहित कई मानव अधिकारों का उल्लंघन करने के लिए दुरुपयोग किया जा रहा है। इसलिए, साइबर सुरक्षा साइबर अपराध से लड़ने और मानव अधिकारों के संरक्षण की कुंजी है। बाल यौन शोषण सामग्री के अपराधियों को पकड़ने और जाँच करने के लिए डिजिटल फोरेंसिक विकास की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि फोरेंसिक बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने के अलावा प्रवर्तन एजेंसियों के लिए उभरती चुनौतियों के का मुकाबला करने के लिए कदम से कदम मिला कर चलना होगा।
जाँच अधिकारियों, वकीलों और न्यायाधीशों की शिक्षा और प्रशिक्षण की भी आवश्यकता है। इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के लिए जन जागरूकता की भी आवश्यकता है।
बाल यौन शोषण सामग्री पर राष्ट्रीय सम्मेलन को उद्घाटन और समापन सत्रों के अलावा पांच विषयगत सत्रों में बांटा गया है। राजीव चंद्रशेखर, राज्य मंत्री, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय कल समापन सत्र को संबोधित करेंगे।
पांच तकनीकी सत्रों के विषयों में ‘प्रकृति, विस्तार और उभरते मुद्दों को समझना’, ‘बाल यौन शोषण सामग्री से संबंधित कानूनी प्रावधान’, ‘रोकथाम में प्रौद्योगिकी और मध्यस्थों की भूमिका’, ‘बाल यौन शोषण सामग्री का पता लगाना और जांच करना, बाल यौन शोषण सामग्री से लड़ने में अंतर्राष्ट्रीय दृष्टिकोण’ और ‘बाल यौन शोषण सामग्री की पता लगाना, जांच और निगरानी करने में प्रवर्तन एजेंसियों और साइबर फोरेंसिक की भूमिका’ शामिल हैं।
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