भोपाल, 18 जनवरी। मध्यप्रदेश सरकार जल्द ही राज्य में एक नई योजना शुरू करने जा रही है, जो कि बिजली के साथ-साथ शिक्षा विभाग से जुड़ी हुई है। इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों को बिजली की रोशनी से जगमगाने की तैयारी है। दरअसल, सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए कहा है कि मध्यप्रदेश के सभी शासकीय प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में विद्युत व्यवस्था के लिए ‘मुख्यमंत्री शाला ज्योति योजना’ शुरू की जायेगी।
योजना में अगले तीन साल में प्रदेश के सभी एक लाख दो हजार 708 स्कूल में विद्युत व्यवस्था होगी। इस संबंध में उन्होंने विभाग को निर्देश भी जारी कर दिए हैं। इस अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री पारस जैन, स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री दीपक जोशी और मुख्य सचिव अंटोनी डिसा भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री चौहान ने विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिये कि नवीन स्कूल भवन के निर्माण में बाउंड्री वाल का प्रावधान आवश्यक रूप से हो। साथ ही जिन भवनों में बाउंड्री वाल नहीं है उनमें बनवायें। स्कूल चलें हम अभियान में बनाये गये प्रेरकों को सक्रिय रखें तथा अच्छा काम करने वाले प्रेरकों को सम्मानित करें। सभी स्कूलों में वर्ष में एक बार वार्षिक उत्सव तथा हर शनिवार को बाल सभा की जाये। विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति समय से मिले।
उन्होंने कहा कि अगले सत्र से विद्यार्थियों को नि:शुल्क साईकिल योजना में राशि नहीं बल्कि साईकिलें प्रदान की जाये। संस्कृत स्कूलों में बेहतर शिक्षा के लिए योजना बनाई जाये। सभी स्कूलों में ‘तम्बाकू मुक्त विद्यालय” अभियान चलाया जाये। उत्कृष्ट विद्यालयों में अधोसंरचना विस्तार करें तथा सीट्स बढ़ायें। समय पर अध्यापकों की पदोन्नति, क्रमोन्नति की व्यवस्था करें। शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिये एक विकासखंड में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में ‘समेकित विद्यालय योजना” लागू करें। उन्होंने पाठ्य-पुस्तकें समय से सभी स्कूलों में पहुँचाने के लिये विभाग की प्रशंसा की।
बैठक में बताया गया कि स्कूल शिक्षा मिशन से प्रदेश में एक लाख प्रेरक जुड़े हैं। प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है। नॉलेज ऑफ पोर्टल के रूप में बनायी गयी ‘ज्ञान पिटारा” वेबसाइट को शीघ्र लाँच किया जायेगा। विभाग द्वारा इस वर्ष 83 लाख 50 हजार विद्यार्थी को छात्रवृत्ति वितरित की गई है। एक लाख 72 मेधावी बच्चों को लेपटॉप प्रदाय किया गया है। पचास विद्यालय में व्यावसायिक शिक्षा के दो ट्रेड शुरू किये गये हैं। माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा सारी सुविधाएँ ऑनलाइन उपलब्ध करवाई जा रही है। विभाग द्वारा सी.एम. हेल्पलाइन में प्राप्त 97 प्रतिशत आवेदन का निराकरण किया जा चुका है।
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