नई दिल्ली, 18 अक्टूबर | विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को कहा कि गोवा में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए बिम्सटेक राष्ट्रों को आमंत्रित करने की पहल सफल हुई है, क्योंकि वे राष्ट्र आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली एक देश की राजनीति के विपरीत ध्रुव का प्रतिनिधित्व करते हैं। सुषमा ने यहां ब्रिक्स मीडिया फोरम के उद्घाटन के दौरान कहा, “बिम्सटेक के सदस्य राष्ट्र -भूटान, बांग्लादेश, भारत, नेपाल, श्रीलंका तथा थाईलैंड- आज की तारीख में आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली राजनीति के खिलाफ विपरीत ध्रुव का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन देशों का ध्यान अपने लोगों का कौशल, जीवन की गुणवत्ता, शिक्षा, स्वास्थ्य व शासन की गुणवत्ता में सुधार तथा लोकतंत्र की जड़ें गहरी करने पर है।”
उन्होंने कहा कि ये ऐसे देश हैं, जो आपस में संपर्क, सहयोग व संबंध बढ़ाने में लगे हैं।
सुषमा ने कहा, “ब्रिक्स के साथ उनका परस्पर संबंध अपने आप में एक संदेश है। ब्रिक्स दुनिया के सकारात्मक दिशा की तरफ रुख करने का प्रदर्शक है और इसकी क्षेत्रीय अभिव्यक्ति बिम्सटेक जैसे समुदाय में है, जो एक समृद्ध संयुक्त भविष्य का प्रदर्शन करने में सक्षम है।”
उन्होंने कहा कि ब्रिक्स की बैठकों में व्यापक राजनीतिक संदर्भ था और है, जो इस बात को रेखांकित करता है कि एक गंभीर वैश्विक विचार-विमर्श एक संकीर्ण एजेंडे के साथ कुछ देशों तक सीमित नहीं हो सकता।
विदेश मंत्री ने कहा कि गोवा ब्रिक्स शिखर सम्मेलन ने अपनी चर्चा के केंद्र व व्यापकता की उन्नति का प्रतिनिधित्व किया है।
उन्होंने कहा, “आतंकवाद की पहचान स्थिरता, प्रगति व विकास के मुख्य खतरे के रूप में की गई है। सम्मेलन के दौरान इसपर तथा इसके अंतिम परिणाम पर विस्तार से चर्चा की गई। सचमुच, जो भी हम कहते हैं वह न सिर्फ आतंकवाद से वैश्विक आर्थिक अपेक्षाओं को होने वाले खतरे को दर्शाता है, बल्कि यह सचमुच में वैश्विक चुनौती बन गई है, जिसे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय केवल इसके खतरे पर ही नरअंदाज कर सकता है।”
–आईएएनए
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