बिहार के कई गांव बाढ़ की चपेट में, प्रमुख नदियां उफान पर

पटना, 18 जुलाई | बिहार और नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रही बारिश के कारण बिहार की सभी प्रमुख नदियां विभिन्न जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बिहार के सुपौल व मधुबनी जिले में बाढ़ आ गई है, जबकि सहरसा, खगड़िया और मोतिहारी सहित कई जिलों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। कई जिलों में आबादी वाले क्षेत्रों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। सुपौल में करीब 250 घर बाढ़ के पानी में बह गए। पटना स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, बिहार की सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्घि दर्ज की जा रही है। वीरपुर बैराज में कोसी नदी के जलस्तर में वृद्घि देखी जा रही है।

नियंत्रण कक्ष में प्रतिनियुक्त सहायक अभियंता विवेक मंडल ने सोमवार को आईएएनएस से बताया कि सुबह 10 बजे वीरपुर बैराज में कोसी नदी का जलस्तर 1.46 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया, जबकि वाल्मीकीनगर बैराज में गंडक का जलस्तर 1.66 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया।

बाढ़ का फाइल फोटो

बागमती ढेंग और सोनाखान में, जबकि महानंदा ढेंगराघाट में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। गंगा नदी में भी जलस्तर बढ़ने को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। गंडक, बूढ़ी गंडक समेत पहाड़ी नदियां तिलयुगा और बिहुल नदी भी उफान पर हैं।

मधुबनी जिले के झंझारपुर व मधेपुर प्रखंड के गढ़गांव, मैनाही, परियाही, बक्साटोल, गोबरगढा, बगेबा, भवानीपुर आदि गांवों के घरों में कोसी नदी का पानी प्रवेश कर गया है।

सुपौल जिले के छह प्रखंडों की 36 पंचायत क्षेत्र के 130 गांव कोसी नदी की बाढ़ से प्रभावित हैं।

सुपौल के जिलाधिकारी बैद्यनाथ यादव ने बताया कि लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन ने 150 नावों की व्यवस्था की है तथा प्रशासन बाढ़ से निपटने को पूरी तरह तैयार है। कई स्थानों पर बाढ़ पभावित लोगों के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।

इस बीच, राज्य के जल संसाधन विभाग ने नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रही बारिश को देखते हुए अलर्ट जारी किया है तथा अभियंताओं को सतर्क रहने और सभी तटबंधों की 24 घंटे निगरानी करने के आदेश दिए हैं।

–आईएएनएस