पटना, 03 जून (जनसमा)। बिहार रोड मास्टर प्लान 2035 के तहत सरकार राज्य के कोने-कोने में सड़कों तथा पुल-पुलियो की आवश्यकता का सर्वे करा रही है ताकि वर्तमान में आवागमन की बाधा तथा जाम की समस्या के अलावे भविष्य में भी आनेवाली समस्याओं का सक्षम समाधान किया जा सके। इसके लिए नीदरलैंड की एजेंसी को अधिकृत किया गया है। उक्त 20 वर्षीय कार्य योजना के प्रथम फेज को सरकार ने विजन 2020 का नाम दिया है जिसमें सरकार की प्राथमिकता है कि पूर्व में बिहार के कोने-कोने से राजधानी ’पटना’ तक पहुँचाने के लक्ष्य 6 घंटे को और कम कर 5 घंटे किया जा सके।
गुरूवार को सूचना भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने उपर्युक्त बातें कहीं। यादव ने बताया कि विजन-2020 के तहत 9200 करोड़ रू. का व्यय प्रस्तावित है। इसमें राज्य के कुल 4250 कि.मी. राज्यमार्ग में से सिंगल एवं इंटरमीडिएट लेन के शेष 950 कि.मी. राज्यमार्ग का लेन चौडीकरण किया जाएगा।
आगे उन्होंने जानकारी दी कि 16000 करोड़ रू. के अनुमानित व्यय पर राज्य के कुल 10600 कि.मी. एमडीआर में से 6000 कि.मी. सिंगल लेन वृहत् जिला पथ का इंटरमीडिएट लेन में चौडी़करण किया जाएगा।
तेजस्वी ने अपने संबोधन में राष्ट्रीय उच्च पथों की चिंताजनक स्थिति पर ध्यानाकृष्ट कराते हएु बताया कि गत 2 वर्षों में उत्क्रमित राष्ट्रीय राजमार्ग को मिलाकर राज्य में कुल राज्यमार्ग 6000 कि.मी. है जिसमें से 3800 कि.मी. पथ निर्माण विभाग के पास और शेष 2200 कि.मी. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकारण के जिम्मे है।
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