पटना, 26 अप्रैल | बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग ने ग्रामीण इलाकों में सुबह नौ बजे के बाद और शाम छह बजे से पहले खाना न पकाने और पूजा-हवन न करने की सलाह दी है। विभाग ने गेहूं का भूसा और डंठल भी जलाने पर पूरी तरह रोक लगा दी है।
गर्मी की वजह से राज्य में आग लगने की बढ़ती घटनाओं पर रोक लगाने के लिए ऐसा किया गया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर आपदा प्रबंधन विभाग ने गर्मी की वजह से राज्य में आग लगने की बढ़ती घटनाओं पर नियंत्रण के लिए जारी परामर्श में कहा है कि इस आदेश का उल्लंघन करने से यदि आग लगती है, तो दोषी व्यक्ति के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि राज्य के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि खासतौर से ग्रामीण क्षेत्रों में इस परामर्श के क्रियान्वयन के लिए कारगर कदम उठाए जाएं।
आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी ने बताया कि राज्य में आग लगने की घटनाओं की समीक्षा में पाया गया है कि ज्यादातर घटनाएं चूल्हे की आग या पूजा-पाठ के बाद किए गए हवन से निकलने वाली चिंगारी से हुई हैं। खेतों में गेहूं का भूसा और डंठल जलाने के कारण भी आग लगने की कुछ घटनाएं हुईं हैं।
औरंगाबाद जिले के दाऊदनगर थाना क्षेत्र में शुक्रवार को हवन से निकली चिंगारी से एक घर में आग लग गई और इस घटना में 13 लोगों की मौत हो गई थी।
विभाग के मुताबिक, राज्य में पिछले एक महीने के दौरान कम से कम 50 लोगों की मौत आग लगने की घटनाओं में हुई है, जबकि 70 से ज्यादा पशुओं ने दम तोड़ दिया है। – आईएएनएस
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