बिहार के विकास का प्रतिबिम्ब है पटना: तेजस्वी

पटना, 20 जनवरी। बिहार के पटना शहर की सफाई व्यवस्था में सुधार के लिए डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण के विषय पर शीघ्र निर्णय लिया जाय एवं अधिक से अधिक मशीनों का प्रयोग किया जाय। पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाय। खुली गाड़ियों से कूड़ा नहीं उठाया जाय। अधिक से अधिक बड़ी मशीनें प्रयोग में लाया जाय। यह निर्देश आज उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने पटना नगर निगम के कार्यों की समीक्षा करते हुए दी।

फाईल फोटोः तेजस्वी प्रसाद यादव (आईएएनएस)

उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि कूड़ा अनुश्रवण करके यह सुनिश्चित किया जाय कि कूड़ा का समुचित उठाव हो एवं कूड़ा से कम्पोस्ट या ऊर्जा उत्पादन के कार्य को बढ़ावा दिया जाय। पटना नगर निगम में चार अंचल एवं 72 वार्ड हैं। एक वार्ड में डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने का काम प्रारंभ किया गया है। इस व्यवस्था को और विकसित किए जाने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि पटना शहर राज्य के विकास का प्रतिबिम्ब है, इसके बेहतर विकास एवं साफ-सफाई पर ध्यान देना होगा। बैठक में पटना नगर निगम के मेयर अफजल इमाम, प्रधान सचिव, नगर विकास एवं आवास विभाग अमृत लाल मीणा, नगर आयुक्त, जय सिंह एवं अन्य संबंधित अधिकारियों ने भाग लिया।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना शहर, राज्य की राजधानी है। इस शहर में नागरिक सुविधाओं का उत्कृष्ट संधारण होना चाहिए । पटना शहर के आधारभूत ढाँचे को सुनियोजित तरीके से विकसित किया जाय ताकि देश के अन्य राज्यों की राजधानी के अनुरूप पटना शहर का विकास हो सके।

उन्होंने समीक्षा के क्रम में यह निर्देश दिया कि उपलब्ध संसाधनों का तीव्र गति से उपयोग किया जाय। अभी भी पटना नगर निगम के खाते में लगभग 125.00 करोड़ रूपये उपलब्ध है और इस वित्तीय वर्ष में 100.00 करोड़ रूपये और निगम को मिलने की संभावना है ।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि शहर के मकानों के नक्शे पास करने के काम में तेजी लायी जाय। इस काम में कोई कठिनाई हो तो उसका निराकरण कराया जाय। उप मुख्यमंत्री ने पटना नगर निगम क्षेत्र में यातायात समस्या की भी समीक्षा की और निर्देश दिया कि बड़े नालों के उपर पक्की सड़क का निर्माण कर ट्रैफिक की समस्या का समाधान संभव हो सकता है। इस दिशा में नगर निगम कार्रवाई करे।

उन्होंने कहा कि वे ट्रैफिक की स्थिति में सुधार के लिए उच्च स्तर पर चर्चा भी करेंगे। उप मुख्यमंत्री ने नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपने जिम्मेदारियों का निर्वहन पूरी इमानदारी और निष्ठा से करे। क्योंकि काम बहुत अधिक करना है इसलिए कामों के कार्यान्वयन में बाधा नहीं आने दें। योजनाओं को समय के अंदर पूरी गुणवत्ता के साथ तेजी से पूरा किया जाए ।