बिहार में एक एसपी चला रहे अनोखा अभियान

मनोज पाठक===

पूर्णिया, 26 जून | बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य में शराबबंदी के फैसले को लेकर जहां देशभर में सुर्खियां बटोर रहे हैं, वहीं उनके इस फैसले का हर जगह स्वागत भी हो रहा है। खासकर महिलाएं नीतीश के इस कदम का खुलकर स्वागत कर रही हैं।

फोटो: पटना में 1 अप्रैल 2016 को शराबबंदी के संबंध में नुक्कड़ नाटक करते कलाकार। (आईएएनएस)

ऐसा नहीं कि बिहार में सरकार ही शराबबंदी और नशामुक्त समाज निर्माण को लेकर आम लोगों जागरूक करने में लगी है, इस राज्य में व्यक्तिगत स्तर पर भी लोग नशामुक्त समाज के निर्माण के लिए काम कर रहे हैं। इसी कड़ी में एक नाम राज्य के सीमावर्ती जिले पूर्णिया के पुलिस अधीक्षक निशांत कुमार तिवारी का भी है, जो इन दिनों पुलिस कप्तानी के अलावा कुछ अनोखे काम में जुटे हैं।

पश्चिम बंगाल और पूर्वोतर राज्यों से सटे पूर्णिया की सीमाएं नेपाल से भी लगी हुई हैं। ऐसे में पुलिस प्रशासन को यहां हमेशा मुस्तैद रहना पड़ता है। इन सब व्यस्तताओं के बीच यहां के पुलिस अधीक्षक अपने तरीके से नशामुक्ति के लिए कुछ अनोखा प्रयोग कर रहे हैं।

26 जून को जब देश-विदेश में ‘अंतर्राष्ट्रीय मादक द्रव्य निषेध (नशा मुक्ति) दिवस’ मनाया जा रहा है, तब पुलिस अधीक्षक निशांत आमलोगों के साथ मिलकर नशामुक्त समाज के लिए शहर में झांकी निकाल रहे हैं।

निशांत झांकी के अलावा शहर के कॉलेजों में वाद-विवाद प्रतियोगिता, स्कूलों में पेंटिंग प्रदर्शनी, मेडिकल कैम्प आदि भी आयोजित करवा रहे हैं। इसके पूर्व भी कई मौके पर निशांत लोगों को नशा मुक्त समाज के निर्माण को लेकर लोगों को जागरूक करते रहे हैं।

तिवारी ने आईएएनएस से कहा, “नशामुक्त समाज के निर्माण लिए हम सभी को आगे आना होगा। नशा परिवार को तोड़ता है, नशा समाज को दूषित करता है। ऐसे में हम सभी का दायित्व है कि समाज को नशामुक्त करने के लिए अपने-अपने स्तर पर कम करें। सरकार तो इस मुहिम में हमारी सहायता कर ही रही है।”

पुलिस अधीक्षक के इस अभियान के समाज के संग हर तबके के लोग जुटे हुए हैं।

पूर्णिया महाविद्यालय के एक छात्र परवेज आलम ने कहा, “जब मैंने सुना कि नशामुक्ति के लिए झांकी निकलेगी तो अजीब लगा। दरअसल अब तक 26 जनवरी को ही किसी खास थीम पर झांकी निकलती है, यह सुनता आया हूं, लेकिन नशामुक्त समाज के लिए झांकी निकल रही, इसका सकारात्मक संदेश लोगों तक पहुंच रहा है।”

गौरतलब है कि बिहार में शराबबंदी के बाद अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों की तरह पूर्णिया जिले में भी चौकसी बरती जा रही है। वहीं ग्रामीण इलाकों में भी प्रशासन चौकस है। वैसे शराबबंदी से जो तबका पहले नाराज था, वह भी अब खुश नजर आ रहा है।

हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्णिया में कहा था कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी से बेरोजगार हुए सभी लोगों के रोजगार के लिए सरकार वैकल्पिक व्यवस्था करेगी।

पूर्णिया के इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा था कि जीविका के माध्यम से राज्य में करीब पांच लाख महिलाओं के समूह बनाए गए हैं। वर्ष 2017 तक सरकार ने 10 लाख स्वयं सहायता समूह बनाने का लक्ष्य रखा है, जिसमें करीब डेढ़ करोड़ परिवार जुड़ेंगे। इन परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार हर संभव सहयोग करेगी।

पूर्ण शराबबंदी के बाद नशामुक्त समाज के निर्माण में लगे पूर्णिया के पुलिस अधीक्षक निशांत के इस मुहिम में सभी तबके के लोग जुड़ रहे हैं। वैसे अब यह देखना है कि नशा मुक्त समाज के निर्माण का संदेश देने वाली निकाली गई झांकी, वाद-विवाद प्रतियोगिता या फिर पेंटिंग प्रदर्शनी का कितना गहरा असर समाज पर पड़ता है।              —आईएएनएस