बिहार में नदियां उफान पर, कटाव से बढ़ी चिंता

पटना, 21 जुलाई | बिहार और नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रही बारिश के कारण बिहार की कई प्रमुख नदियां विभिन्न जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। राज्य के समस्तीपुर, मधुबनी, सुपौल और अररिया के गांवों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जबकि गोपलगंज और मधेपुरा में कटाव तेज होने के कारण लोगों में भय है।

पटना स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, बिहार की प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की जा रही है। वीरपुर बैराज में कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि देखी जा रही है।

नियंत्रण कक्ष में प्रतिनियुक्त सहायक अभियंता राजेंद्र प्रसाद ने गुरुवार को आईएएनएस को बताया कि सुबह आठ बजे वीरपुर बैराज में कोसी नदी का जलस्तर 1.82 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया, जबकि वाल्मीकीनगर बैराज में गंडक का जलस्तर 1.69 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया।

इसी तरह इंद्रपुरी बैराज के पास सोन नदी के जलस्तर में वृद्धि देखी जा रही है।

प्रसाद ने बताया कि बागमती नदी डूबाधार, ढेंग, सोनाखान, महानंदा ढेंगराघाट व झावा में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। कमला बलान नदी झंझारपुर में खतरे के निशान के ऊपर है।

इधर, मधुबनी के घोघरडीहा प्रखंड के दर्जन भर गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। घोघरडीहा-हटनी पथ पर डायवर्सन पर पानी चढ़ने से वाहनों की आवाजाही ठप्प है।

कटिहार के अमदाबाद, बरारी, मनिहारी और कुरसेला प्रखंड में बाढ़ से 50 हजार लोग आंशिक और पूर्ण रूप से प्रभावित हुए हैं। बरारी में कटाव से कई घर गंगा में समा गए और दर्जनों मवेशी बह गए।

सुपौल जिले के छह प्रखंड की कोसी भी बाढ़ से प्रभावित हैं। गोपालगंज में गंडक नदी का कटाव जारी है। सदर प्रखंड के कटघरवा में गंडक नदी के कटाव के भय से लोग पलायन कर रहे हैं। इस जिले में 50 हजार की आबादी बाढ़ से प्रभावित है।

वहीं जलसंसाधन विभाग ने सभी तटबंधों को सुरक्षित रहने का दावा किया है।

विभाग के मुताबिक, अभियंताओं की टीम तटबंधों की लगातार निगरानी कर रही है।

–आईएएनएस