पटना, 26 मई (जनसमा)। बिहार में नीरा तथा ताड़ पेड़ से प्राप्त होने वाले उत्पादों से संबंधित उद्योगों का विकास किया जाएगा। इसके लिए विस्तृत योजना बनाने तथा स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से भी लोगों को इससे जोड़ने की योजना बनाई जाएगी जिससे लोगों के आमदनी हो सके।
तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने गुरूवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने नीरा तथा ताड़ पेड़ के उत्पादों से संबंधित विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया। प्रस्तुतिकरण में ताड़ से प्राप्त होने वाले उत्पादों के व्यावसायीकरण तथा उसके बाजार में बिक्री से संबंधित विस्तृत जानकारी दी गई।
बैठक में बताया गया कि तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय एवं कृषि विश्वविद्यालय सबौर, भागलपुर के बीच एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर किया जाएगा। आने वाले दिनों में तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय से तकनीक का भी हस्तांतरण किया जाएगा तथा दोनों विश्वद्यिालय के वैज्ञानिक साथ मिलकर कार्य करेंगे।
बैठक में नीरा से गुड़, कैंडी, हनी तथा ताड़ पेड़ से प्राप्त होने वाले अन्य उत्पादों पर विस्तृत चर्चा की गई तथा इसमें इस उद्योग से जुड़े हुए लोगों को होने वाले आर्थिक लाभ के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी गई।
नीतीश कुमार ने सभी बारीकियों को ध्यान से सुना तथा नीरा के उद्योग से संबंधित विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया। इस संदर्भ में मुख्यमंत्री ने सभी पहलुओं पर विस्तृत सर्वे करने का भी निर्देश दिया तथा राज्य के अंदर सभी ताड़ के पेड़ों की गणना और उनसे प्राप्त होने वाले नीरा का भी आकलन कर विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश भी बैठक में दिया।
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