पटना, 24 अगस्त | बिहार में बाढ़ से तबाही जारी है। गंगा नदी एक बार फिर उफान पर है, जिससे बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोग सहमे हुए हैं। उधर, पुनपुन और सोन नदी के भी जलस्तर बढ़ गए हैं और विभिन्न जगहों पर ये नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बिहार के 12 जिलों के 59 प्रखंडों के 1,115 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं और बाढ़ से अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है।
पटना स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, बुधवार सुबह पटना के गांधी घाट पर गंगा के जलस्तर में एक बार फिर वृद्घि दर्ज की गई है। यहां गंगा का जलस्तर 50.19 मीटर दर्ज किया गया।
पिछले 12 घंटे में यहां गंगा के जलस्तर में सात सेंटीमीटर की वृद्घि दर्ज की गई है। भागलपुर में गंगा का जलस्तर 34.62 मीटर दर्ज किया गया।
नियंत्रण कक्ष के अनुसार, इंद्रपुरी बैराज में सोन नदी का जलस्तर स्थिर बना हुआ है। सुबह आठ बजे इंद्रपुरी बैराज के पास सोन नदी का जलस्तर 2.43 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया।
गंगा नदी बक्सर, दीघा, गांधीघाट, हाथीदह, भागलपुर और कहलगांव में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जबकि बूढ़ी गंडक नदी खगड़िया में व घाघरा नदी गंगपुर सिसवन (सीवान) में और पुनपुन नदी श्रीपालपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, मध्य प्रदेश के बाणसागर से भी बुधवार को 1200 क्यूसेक पानी छोड़े जाने की आशंका है। इस दौरान बिहार सरकार ने एक अधिकारी को बाणसागर में तैनात किया है।
बिहार में गंगा नदी के उफान पर होने के कारण बक्सर, भोजपुर, पटना, वैशाली, सारण, बेगूसराय, समस्तीपुर, लखीसराय, खगड़िया, मुंगेर, भागलपुर और कटिहार जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है।
पटना, वैशाली, भोजपुर और सारण जिलों के दियारा क्षेत्र (नदी किनारे मैदानी इलाके) बाढ़ से अधिक प्रभावित हैं। आपदा प्रबंधन विभाग का दावा है कि बाढ़ से प्रभावित सभी जिलों में राहत और बचाव कार्य जारी हैं।
आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अब तक करीब 1.55 लाख लोगों को बाढ़ वाले क्षेत्र से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है, जिनमें से 1,07,000 लोग 179 राहत शिविरों में रखे गए हैं। –आईएएनएस
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