पटना, 6 मई | बिहार के अपराधियों के इतिहास की जानकारी अब मात्र एक क्लिक के जरिए लोगों को उपलब्ध होगी। बिहार में सभी तरह के अपराधियों के अपराध का इतिहास सहित उसका पूरा बॉयोडाटा बिहार के गृहविभाग की वेबसाइट पर डाला जा रहा है।
गृह विभाग ने अपराधियों का रिकार्ड वेबसाइट पर लाने की जिम्मेदारी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को सौंपी है।
बिहार राज्य गृह विभाग के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि सजायाफ्ता अपराधियों की सूची ऑनलाइन करने का मकसद अपराध पर नियंत्रण के साथ-साथ कानून का राज स्थापित करना है।
गौरतलब है कि इस योजना की शुरुआत वर्ष 2013 में तत्कालीन पुलिस महानिदेशक अभयानंद ने की थी, लेकिन उनकी सेवानिवृत्ति के बाद यह योजना ठंडे बस्ते में डाल दी गई। वहीं गृह विभाग ने एक बार फिर राज्य के सभी प्रमंडलीय आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक को ऐसी सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
सूत्रों का कहना है कि हथियार के लाइसेंस लेने, जनवितरण प्रणाली की दुकान लेने तथा बैंक से ऋण लेने के दौरान या सरकारी सेवा के आवेदनपत्र की छानबीन के दौरान अधिकारियों को आवेदनकर्ता का इतिहास ढूंढ़ने या उसके आपराधिक पृष्ठभूमि को जानने में काफी परेशानी होती थी।
इस लिंक के द्वारा किसी भी अपराधिक इतिहास वाले व्यक्ति की तत्काल पहचान की जा सकेगी।
बिहार राज्य गृह विभाग के विशेष सचिव जितेंद्र कुमार कहते हैं, “इस तरह की सूची एक ही स्थान पर उपलब्ध होने से कानून का राज कायम करने में काफी सहूलियत होगी। अपराधियों की सूची जिलास्तर पर तैयार कराई जा रही है। सूची तैयार कराने के बाद इसके प्रचार-प्रसार के लिए भी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। इसका नाम ‘सिविल कॉन्सीक्वेंसेज ऑफ क्राइम’ दिया गया है।”
गृह विभाग के अनुसार, फरवरी तक जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में 21,057 अपराधियों की सूची तैयार कर ली गई है। इसमें से सबसे अधिक लोग गया और पटना की जेलों में बंद हैं।
इस योजना का शुभारंभ करने वाले पूर्व पुलिस महानिदेशक अभयानंद कहते हैं, “संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों में सभी व्यक्तियों की जानकारी एक वेबसाइट पर उपलब्ध होती है। हम लोग अभी डिजिटल प्रणाली विकसित करने की राह पर हैं।”
उन्होंने कहा कि इस सूची को तैयार करने का मकसद है, सजायाफ्ता अपराधी अगर सार्वजनिक जीवन में आए तो उसे उसका अपराध याद दिलाना।
(आईएएनएस)
Follow @JansamacharNews