पटना 10 मई (जनसमा)। बिहार में पिछले दिनों शराब पर पूरी तरह से लगाए गए प्रतिबंध को तोड़ने वालों के लिए कड़े कानून बनाए गए हैं जिसमें 10 की सजा और 10 लाख रुपए जुर्माना भी हो सकता है।
फोटोः बिहार में 31 मार्च, 2016 को शराबबंदी नीति की समर्थन रैली में भाग लेती महिलाएं। (आईएएनएस)
बिहार सरकार की एक विज्ञप्ति में बताया गया है कि अगर मिलावटी शराब पीकर किसी की यदि मृत्यु होती है तो वैसी शराब बनाने अथवा बेचने वाले को मृत्यु दंड मिलेगा। मिलावटी शराब पीकर गंभीर क्षति अथवा अपंग होने पर वैसी शराब बनाने वाले को उम्रकैद मिलेगी।
विज्ञप्ति में यह भी बताया गया कि अवैध शराब व्यापार, खरीद-फरोख्त, परिवहन इत्यादि करने पर, औद्योगिक उपयोग वाले स्पिरिट को पिलाने पर, जाली अथवा देशी शराब को विदेशी बताकर पिलाने पर न्यूनतम 10 साल तथा अधिकतम उम्रकैद के साथ 1 लाख रु. से 10 लाख रु. तक जुर्माना हो सकता है।
सार्वजनिक स्थल पर शराब पीने अथवा पीकर हंगामा करने, शराब दुकान अथवा अपने परिसर/घर में ही शराबियों का जमावड़ा लगाकर हुड़दंग करने पर न्यूनतम 5 साल तथा अधिकतम 10 साल की सजा आर्थिक दंड सहित अधिरोपित होगी।
यह भी बताया गया कि होमियोपैथी, आयुर्वेदिक अथवा अंग्रेजी दवाओं की दुकानों पर शराब पीने/पिलाने की स्थिति में पीने वाले पर आर्थिक दंड सहित 5 से 7 साल की सजा एवं पिलाने वाले पर आर्थिक दंड सहित 8 से 10 साल की सजा क्रियान्वित होगी। बच्चों को शराब पिलाने पर पिलाने वाले को 7 से 10 साल की सजा और आर्थिक दंड लगेगा। महिलाओं एवं बच्चों को शराब व्यवसाय में लगाने पर 5 से 7 साल की सजा सहित 10 लाख रु0 जुर्माना लगाया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि अवैध शराब व्यवसाय में लिप्त सामान एवं संपत्ति यथा घर दुकान एवं परिसर को भी सील कर जब्त कर लिया जाना कानूनी प्रावधान में है। इस पर आम जन को पता होना चाहिए कि सरकार ने आम जन के हित में जहरीली शराब से होने वाली मृत्यु पर तुरंत संबंधित समाहर्त्ता द्वारा 4 लाख रु. भुगतान का प्रावधान मरने वाले के परिवार हेतु किया है तथा गंभीर रूप से घायल हो जाने वालों को 20 हजार रु. दिए जाएँगे।
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