बिहार में विधानसभा चुनाव के तीसरे और अंतिम चरण के लिए 78 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार आज शाम समाप्त हो गया। मतदान शनिवार 7 नवंबर को होगा।
तीसरे चरण में सीमांचल, कोसी, तिरहुत और मिथिलांचल के 15 जिलों में फैले 78 विधानसभा क्षेत्र में वोट डाले जाएंगे।
पश्चिम चंपारण जिले की वाल्मीकि नगर लोकसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव के लिए मतदान भी 7 नवंबर को होगा।
बिहार विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में भाजपा 35 सीटों पर और सहयोगी जनता दल (यूनाइटेड) 37 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं जबकि अन्य सहयोगी दल विकासशील इन्सान पार्टी(वीआईपी)5 तथा पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाली हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा एक सीट पर चुनाव लड़ रहा है।
बिहार विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में विपक्षी महागठबंधन में राजद 46 और कांग्रेस 25 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
सीपीआई के दो उम्मीदवार हैं और सीपीआई एमएल इस चरण में 5 सीटों पर चुनाव लड़ रहे है।
लोक जनशक्ति पार्टी ने 42 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में चुनाव प्रचार के अंतिम दिन सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के स्टार प्रचारकों और वरिष्ठ नेताओं ने रैलियों, जनसभाओं और रोड शो के द्वारा मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए एड़ीचोटी का जोर लगा दिया।
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने प्रचार के अंतिम दिन हायाघाट और जाले में जनसभाओं को संबोधित करते हुए कांग्रेस और राजद पर कड़े प्रहार किये और कहा कि जहाँ भाजपा की सरकार रहती है, वहाँ विकस होता है।
उन्होंने कहा कि अमरीका में राष्ट्रपति के लिए वोटों की गिनती हो रही है और वहाँ लोगों ने ट्रंप पर आरोप लगा कि उन्होंने कोरोना को ठीक ढंग से हेंडल नहीं किया लेकिन आप खुद देखिये कि मोदी जी ने 130 करोड़ लोगों को कोरोना से बचा लिया।
जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कटिहार के हफलागांव में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने बिहार को विकास की सही दिशा दी हैं
कुमार ने चेतावनी दी कि अगर राजद को वोट दिया गया तो राज्य में अराजकता आएगी।
दूसरी ओर राजद नेता तेजस्वी प्रसाद ने सहरसा में कहा कि राजग के नेता भय मनोविकृति का खेल खेल रहे हैं और ऐसा प्रतीत होता है कि उन्होंने अपनी हार मान ली है।
कांग्रेस ने भाजपा और नीतीश सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि बिहार में नीतीश-भाजपा के 15 साल के कुशासन का यह हाल था कि यहां न उद्योग लगाए गए, न रोजगार के अवसर सृजित किए गए, न किसानों को फसलों के दाम दिए गए।
नतीजा यह हुआ कि बिहार में 4 करोड़ 21 लाख लोग गरीबी रेखा से नीचे रहने को मजबूर हुए। मजबूरी में काम की तलाश में बिहार से पलायन करके दूसरे प्रांतों में जाना पड़ा।
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ;के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि राज्य के लोग इस बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धोखा देंगे।
लोक जन शक्ति पार्टी (एलजेपी) के प्रमुख चिराग पासवान ने पटना में दावा किया कि जद (यू) को वोट देना वोट की बर्बादी करने जैसा है।
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