पटना, 7 जून | मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश पर बिहार में 12वीं की परीक्षा में इस साल कला और विज्ञान विषयों में अव्वल आने वाले विद्यार्थियों के खिलाफ मंगलवार को मामला दर्ज कराया गया। यह जानकारी अधिकारियों ने मंगलवार को दी। मुख्यमंत्री ने एक प्राथमिकी दर्ज कराने और मामले की जांच करने का आदेश दिया था।
पटना के कोतवाली थाना प्रभारी रमेश प्रसाद सिंह ने कहा कि शिक्षा विभाग के एक अधिकारी राजीव रंजन प्रसाद सिंह ने प्राथमिकी दर्ज कराई है।
मामले में जिन लोगों को नामजद किया गया है, उनमें विज्ञान विषय में अव्वल रहे सौरभ श्रेष्ठ और राहुल कुमार, कला विषय की टॉपर रूबी राय और वैशाली जिले के वी.आर. कॉलेज के निदेशक शामिल हैं।
रुबी, सौरभ और राहुल वी.आर. कॉलेज के विद्यार्थी थे।
थाना प्रभारी ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 465, 467, 468, 471 और 120बी के तहत मामला दर्ज किया गया है।
नीतीश कुमार ने सोमवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की, जिसमें 12वीं कक्षा की योग्यता अव्यवस्था पर निराशा जाहिर की थी और अधिकारियों को इस विषय की जांच के निर्देश दिए थे।
बैठक के बाद राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बीएसईबी) द्वारा गठित दोनों जांच समितियां भंग कर दी थीं।
बीएसईबी ने रविवार को विज्ञान विषय के प्रथम और तीसरा स्थान पाने वाले विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम रद्द कर दिए थे, क्योंकि ये दोनों विद्यार्थी पुनर्परीक्षण में असफल हो गए थे। कला विषय की टॉपर रूबी राय को 11 जून को फिर से होने वाली परीक्षा में शामिल होने को कहा गया है।
12वीं कक्षा की परीक्षा में अव्वल आए 14 विद्यार्थियों में से 13 के पुनर्मूल्यांकन की एक रपट बोर्ड को मिल गई है।
पुनर्मूल्यांकन यह जानने के लिए कराया गया कि ये विद्यार्थी सही में अव्वल आने लायक थे या फिर अव्वल आने के लिए धोखाधड़ी की थी।
बीएसईबी के अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद ने कहा कि सरकार ने वी.आर. कॉलेज की मान्यता रद्द कर दी है।
परीक्षा परिणाम गत माह घोषित करने से 12वीं कक्षा की परीक्षा का संचालन करने वाली बिहार विद्यालय परीक्षा समिति स्वयं संकट में पड़ गई है।
अधिकारियों ने कहा, “संभावना है कि राज्य सरकार उनकी (अध्यक्ष) विफलता और राज्य की शिक्षा व्यवस्था की प्रतिष्ठा की क्षति के लिए बोर्ड के अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद के खिलाफ कार्रवाई करेगी।”
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