अंतर्राष्ट्रीय वन्यजीव संरक्षण पर काम कर रहे वैज्ञानिकों ने बूढ़ी हथिनियों के बढ़ते अवैध शिकार पर यह कहते हुए चिंता जताई है कि इससे वर्षावन के पारिस्थितिकी तंत्र को खतरा है।
एक बूढ़ी हथिनी आमतौर पर हाथी समुदाय की सरदार होती है। चतुर हथिनी विशाल वर्षावन क्षेत्र में आजादी से जीने के लिए जानी जाती है।
वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन सोसायटी (डब्ल्यूसीएस) व एंबोसली ट्रस्ट फॉर एलीफेंट्स एंड यूनिवर्सिटी ऑफ स्टर्लिग के लिए काम कर रहे वैज्ञानिकों ने चेताया है कि बूढ़ी हथिनियों का शिकार पारिस्थितिकी तंत्र की अखंडता पर व्यापक प्रभाव डाल सकता है।
डब्ल्यूसीएस के संरक्षणवादी डा. थोमस ब्रेउअर ने कहा, “हम 2013 के बाद से वन्य हाथियों की संख्या में आई भयावह गिरावट से वाकिफ हैं। हम अगर बूढ़ी हथिनियों को खोते हैं, तो वैसा ही व्यापक प्रभाव पड़ेगा जैसा सवान के जंगलों में पाए जाने वाले हाथियों के खोने पर पड़ा है।”
वैज्ञानिकों के अनुसार, बूढ़ी हथिनियां युवा हाथियों को बताती हैं कि भोजन व खनिज पदार्थ ढूंढने कहां जाना है, उन्हें क्या खाना है और खतरे से कैसे बचना है।
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