ब्रासीलिया, 12 मई । ब्राजील की संसद के उच्च सदन सीनेट में गुरुवार को राष्ट्रपति डिल्मा रौसेफ के खिलाफ महाभियोग पर मतदान हुआ, जिसके बाद उन्हें उनके पद से अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया गया। सीनेट मामले को जब तक अंतिम सुनवाई के लिए नहीं सौंपता, रौसेफ निलंबित रहेंगीं। ऐसा करने में सीनेट को 180 दिनों का समय लगेगा। इस अवधि में उप राष्ट्रपति माइकल टेमर उनका प्रभार संभालेंगे।
सुनवाई के दौरान, रौसेफ को राष्ट्रपति पद से स्थायी रूप से हटाने के लिए दो तिहाई बहुमत की जरूरत होगी।
विश्लेषकों का कहना है कि ऐसा करना विपक्ष के लिए बहुत मुश्किल नहीं होगा, क्योंकि पहले मतदान में वह दो तिहाई बहुमत जुटा लेगा।
सत्तारूढ़ गठबंधन से हाल में हटने वाली ब्राजीलियन डेमोक्रेटिक मूवमेंट पार्टी के टेमर को रौसेफ के खिलाफ महाभियोग चलाने के अगुवा के रूप में देखा जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, टेमर के पास एक नया मंत्रिमंडल है और उनका इरादा इसमें महत्वपूर्ण बदलाव लाने का है।
राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति ने अभी तक सार्वजनिक तौर पर कोई बयान नहीं दिया है।
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्राजील के ऊपरी सदन के 81 में से 55 सदस्यों ने महाभियोग के पक्ष में मतदान किया, जबकि 22 ने इसके विरोध में मतदान किया।
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व राष्ट्रपति फर्नाडो कॉलर डी मेलो ने कहा कि देश का राजनीतिक रूप से पतन हो गया है।
मेलो पर भी 1992 में महाभियोग चलाया गया था।
रौसेफ देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति हैं। उन्होंने जनवरी 2011 में पद की शपथ ली थी और उसके बाद 2015 में वह दोबारा सत्ता में वापसी करने में कामयाब रही थीं।
विपक्ष ने कहा कि महाभियोग जरूरी था। पार्टी ऑफ द रिपब्लिक के सीनेटर मैग्नो माल्टा ने महाभियोग की तुलना एक चिकित्सकीय ऑपरेशन से की।
उन्होंने कहा, “ब्राजील आज (गुरुवार) मधुमेह से पीड़ित एक बीमार शरीर है, जिसमें गैंगरीन फैलने के कारण उसके एक पैर को काटने की तैयारी है। इसके पीछे का तर्क यह है कि अगर हम पैर काट देते हैं, तो बाकी शरीर को बचा लेंगे। पैर को बचाकर हम पूरे शरीर से समझौता नहीं कर सकते।”
वहीं, सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी की सीनेटर एंजेला पोर्टेला ने कहा कि महाभियोग तार्किक नहीं है, क्योंकि यह पिछले साल के अकाउंट में एक कथित गलती पर आधारित है। उन्होंने इससे समाज पर पड़ने वाले प्रभाव की भी चेतावनी दी।
वर्कर्स पार्टी की एक अन्य सीनेटर जोआओ विएना ने कहा, “ब्राजील के लोकतंत्र के साथ जो हो रहा है, वह सही नहीं है। वे राष्ट्रपति डिल्मा का पद ही नहीं छीन रहे, बल्कि वे एक मशहूर सरकार का पतन कर रहे हैं।”
रौसेफ पर 2014 के चुनाव से पहले देश के बढ़ रहे घाटे को छिपाने के लिए धन के दुरुपयोग का आरोप है। हालांकि वह इससे इनकार करती रही हैं।
रौसेफ ने महाभियोग की सुनवाई टालने के लिए बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय में अपील कर अपना आखिरी प्रयास किया लेकिन उनकी याचिका रद्द कर दी गई।
सीनेटरों को अपनी बात रखने के लिए 15 मिनट दिए गए थे। कुल 81 सदस्यों में से 71 ने अपनी बात रखी।(आईएएनएस/सिन्हुआ)
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