लंदन, 19 जनवरी। ब्रिटेन में रहने वाली मुस्लिम महिलाओं को अब अंग्रेजी सीखना आवश्यक है, वरना उन्हें देश छोड़ना पड़ सकता है, यह बात ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने सोमवार को देशवासियों को लिए जारी किए अपने संदेश में कही। ब्रिटिश प्रधानमंत्री का कहना है कि अगर मस्लिम महिलाएं अच्छी अंग्रेजी सीखने में नाकाम रहती हैं, तो वे आईएस के संदेशों से प्रभावित हो सकती हैं। इसीलिए कमजोर अंग्रेजी जानने वाली मुस्लिम महिलाओं को देश छोड़ना पड़ सकता है।
जानकारी के मुताबिक, कैमरन ने अपने संदेश के जरिए नागरिकों से कहा है कि ब्रिटेन में रह रही उन सभी मुस्लिम महिलाओं को एक टेस्ट से गुरना पड़ेगा, जो यहां आकर बस गई हैं। यह नियम उन माताओं पर भी लागू किया जाएगा, जो एक वर्ष से अधिक समय से ब्रिटेन में रह रही हैं और यहां उन्होंने संतान को जन्म दिया है। कैमरन का कहना है कि अंग्रेजी का यह टेस्ट बताएगी कि किस महिला को ब्रिटेन में रखने की अनुमति देना है और किसे देश से बाहर का रास्ता दिखाना है।
उल्लेखनीय है कि इस समय इंग्लैंड में लगभग दो लाख मुस्लिम महिलाएं दो वर्षों से भी अधिक समय से रह रही हैं और उनमें से 40 हजार से अधिक महिलाएं ऐसी भी हैं, जिन या तो अंग्रेजी बिलकुल नहीं आती या फिर काम चलाऊ ज्ञान ही है। बता दें कि ब्रिटेन में वीजा नियम आसान होने के कारण यहां सभी देश के नागरिक बहुतायत में रहते हैं और यहां आकर बसे लोगों की संतानों को ब्रिटेन की नागरिकता सरलता से मिल जाती है। ऐसे में वे ब्रिटेन के नागरिक बन जाते हैं और उन्हें वहां रहने की इजाजत होती है।
अब कैमरन ने कड़े शब्दों में यह संदेश दिया है कि अंग्रेजी नहीं जानने वाली महिलाओं को ब्रिटेन छोड़ना पड़ सकता है, तो दुनिया में उनके इस संदेश की निंदा भी होने लगी है। मुस्लिम बहुत देशों ने उनके इस संदेश को लेकर विरोध दर्ज कराया है। (हि.स.)
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