नई दिल्ली, 26 मई | ब्रेड में पोटेशियम ब्रोमेट और आयोडेट जैसे रसायनों की उपस्थिति को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन किसी भी चीज की अति से बचना चाहिए।यह बात गुरुवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक एम.सी. मिश्र ने कही।
उन्होंने कहा, “यह खतरनाक हो सकता है, लेकिन कोई भी रोज एक पूरा पैकेट ब्रेड नहीं खाता है। अधिकतर लोग एक या दो स्लाइस ब्रेड ही खाते हैं, इसलिए लंबे समय तक उपयोग को लेकर इसके बारे में घबराने की जरूरत नहीं है और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने भी ऐसा ही कहा है।”
मिश्र ने ‘सबके लिए स्वास्थ्य’ विषय पर आयोजित एक सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए यह बात कही। सम्मेलन का आयोजन एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) ने किया था।
उन्होंने कहा, “भोज्य पदार्थो में रासायनिक एडीटिव का उपयोग जहां तक हो सके कम होना चाहिए और इसकी जगह ताजे भोज्य पदार्थ जैसे अंडे, फल, सब्जी तथा अन्य विकल्पों का उपयोग होना चाहिए। इसके साथ ही कोई भी चीज कम मात्रा में ही खानी चाहिए।”
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