भाजपा कार्यकारिणी में दिखी मथुरा हिंसा व कैराना मुद्दे की छाया

विद्या शंकर राय===

इलाहाबाद, 14 जून | उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का समापन सोमवार को हो गया। लेकिन दोनों दिन कार्यकारिणी में मथुरा हिंसा व कैराना में हिंदु परिवारों के पलायन का मुद्दा छाया रहा। प्रधानमंत्री सहित बैठक में पहुंचने वाले कई बड़े नेताओं व केंद्रीय मंत्रियों ने इन दोनों मुद्दों को लेकर अखिलेश सरकार को कटघरे में खड़ा किया।

फोटो: इलाहाबाद में 13 जून, 2016 को भाजपा की रैली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित भाजपा के लगभग सभी बड़े नेता शामिल हुए। (आईएएनएस)

इलाहाबाद के पी ग्राउंड में दो दिनों तक चली कार्यकारिणी के पहले दिन भी पदाधिकारियों की बैठक में कैराना के कई गांवों से हिंदुओं के हो रहे पलायन व मथुरा के जवाहर बाग में हुई हिंसा का मुद्दा उठा। इन दोनों मुद्दों पर प्रधानमंत्री ने भी चिंता व्यक्त करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया।

मथुरा हिंसा को लेकर केंद्रीय गृहराज्य मंत्री किरन रिजिजू ने कहा कि उप्र सरकार कानून व्यवस्था को लेकर गंभीर नहीं है। इस तरह की घटनाओं से उप्र का माहौल खराब होता है। इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाई जानी चाहिए।

इलाहाबाद में हुई दो दिनों की कार्यसमिति में एक तरफ जहां भाजपा के दिग्गज नेता मथुरा हिंसा को लेकर अखिलेश सरकार को घेरने का प्रयास करते रहे वहीं मुख्यमंत्री ने भी जवाबी हमला बोला। उन्होंने कहा कि अच्छे दिन लाने वाले अब संगम किनारे पहुंच गए और दो वर्ष में भी भाजपा के अच्छे दिन नहीं आए।

अखिलेश यादव सोमवार को मथुरा भी गए और उन्होंने हिंसा में मारे गए पुलिस अधीक्ष के परिजनों से मुलाकात की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि उप्र में कानून व्यव्स्था की स्थिति ठीक है। ऐसी घटनाएं अन्य राज्यों भी होती हैं लेकिन उन्हें तूल नही दिया जाता लेकिन उप्र की छोटी घटना को बड़ा बनाकर प्रस्तुत किया जाता है।

इधर, भाजपा की नेता साध्वी निरंजन ज्योति ने भी मथुरा हिंसा को लेकर सपा सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मथुरा हिंसा और कैराना से हिंदुओं के पलायन का मुद्दा काफी गंभीर है। सरकार इन दोनों मसलों पर चुप्पी साधे हुए है।

बैठक के दूसरे दिन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने तो यहां तक कह डाला कि यदि अखिलेश यादव को वाकई इस बात का विश्वास है कि उप्र में कानून व्यवस्था कायम है तो इस मुद्दे पर वर्ष 2017 में रिफरेंडम कराना चाहिए।

गौरतलब है कि एक तरफ जहां मथुरा के जवाहर बाग में हुई हिंसा में दो पुलिस अधिकारियों सहित 24 लोगों की मौत हो गई थी वहीं दूसरी ओर भाजपा के सांसद हुकुम सिंह ने आरोप लगाया कि कैराना के कई गांवों से 200 से अधिक परिवार कानून व्यवस्था खराब होने के डर से पलायन कर गए हैं।

–आईएएनएस