पटना, 23 अप्रैल| पटना में शनिवार को जनता दल (युनाइटेड) की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में औपचारिक रूप से पार्टी की कमान संभालने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा देश को बांटने की राजनीति कर रही है, और धर्म के नाम पर लोगों को बांट रही है। नीतीश कुमार ने बैठक में भाग ले रहे पार्टीजनों को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा के साथ चलना कठिन था, इसलिए गठबंधन तोड़ने का निर्णय लिया गया था। उन्होंने कहा कि भाजपा का नया रूप अब किसी भी तरह से मंजूर नहीं है।
उन्होंने कहा, “जब अपने सिद्घांतों को लेकर हमलोग अलग हुए थे, तब क्या-क्या नहीं कहे गए थे। यहां तक कि हमलोगों का राजनीतिक अस्तित्व समाप्त होने की बात भी कही गई थी।”
बिहार विधानसभा चुनाव की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, “हमें हराने के लिए विरोधियों ने पूरी ताकत लगा दी थी, लेकिन बिहार की जनता ने जबरदस्त समर्थन दिया। चुनाव में ‘जंगलराज’ की उपमा देकर प्रचार किया गया। कहा गया कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जद (यू) गठबंधन से लोग परेशान हैं।”
उन्होंने कहा, “महागठबंधन की रणनीति से बिहार में भाजपा चारों खाने चित हुई है और देश में भी इसी रणनीति से पराजित होगी।”
संघ मुक्त भारत बनाने के लिए नीतीश ने समान विचारधारा वाली पार्टियों को एक मंच पर आने का आह्वान किया।
बिहार में शराबबंदी के बारे में नीतीश ने कहा, “हमने महिलाओं से जो वादा किया था, वह पूरा कर दिया।” उन्होंने कहा कि शराबबंदी अभियान को लेकर वह जल्द ही अलग-अलग राज्यों में भी जाएंगे।
बिहार में सत्ताधारी जद (यू) की एक दिवसीय राष्ट्रीय परिषद की बैठक में नीतीश कुमार की पार्टी अध्यक्ष के रूप में विधिवत ताजपोशी हुई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए निवर्तमान अध्यक्ष शरद यादव ने अध्यक्ष के रूप में नीतीश कुमार के चयन पर मुहर लगाने के लिए अनुमोदन प्रस्ताव रखा, जिसका उपस्थित सभी पार्टीजनों ने समर्थन किया। इसके साथ ही नीतीश पार्टी के विधिवत अध्यक्ष बन गए।
नीतीश को गत 10 अप्रैल को दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अध्यक्ष चुना गया था।
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