इंफाल, 29 मई | मणिपुर के मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह ने रविवार को भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर पूर्वोत्तर राज्यों में अस्थिरता पैदा करने के लिए निशाना साधा। सिंह ने दो जून को प्रस्तावित नगर निगम चुनाव से पूर्व इंफाल पश्चिम जिले के क्वोकीथल मोइरंग पुरेल में एक चुनावी रैली में कहा, “भाजपा जब भी केंद्र में सत्ता में आती है, मणिपुर में हमेशा अस्थिरता पैदा करती है।”
सिंह ने यद्यपि अपने आरोपों को स्पष्ट नहीं किया, लेकिन उनका इशारा 18 जून, 2001 को हुई हिंसा के संदर्भ में था, जिसमें 18 लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हो गए थे। यह घटना तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार द्वारा नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड-इसाक-मुइवा के साथ संघर्ष विराम बढ़ाने के बाद हुई थी।
पिछले वर्ष से मणिपुर में इनर लाइन परमिट (आईएलपी) प्रणाली की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इन प्रदर्शनों में एक विद्यार्थी की मौत हो गई है और 500 से अधिक लोग घायल हो गए हैं।
दूसरी तरफ आईएलपी की मांग के खिलाफ आयोजित रैलियों के दौरान चूड़ाचांदपुर जिले में नौ लोगों की मौत हो गई। लगभग एक महीने तक प्रवासी विरोधी तीन विधेयकों को लागू करने की मांग को लेकर राज्य में विरोध प्रदर्शन हुआ है। ये तीनों विधेयक पिछले वर्ष 31 अगस्त को विधानसभा में पारित किए गए थे।
नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला करते हुए इबोबी सिंह ने कहा, “संप्रग सरकार ने पूर्वोन्मुखी नीति पेश की थी। राजग ने इसे बदल कर एक्ट ईस्ट पॉलिसी कर दिया। लोगों को पिछले दो वर्षो में कोई बदलाव नहीं दिखाई दिया।”
उन्होंने कहा, “मणिपुर में जितनी भी परियोजनाएं शुरू हुईं, सब संप्रग सरकार के दौरान। अब मणिपुर के तुपुल तक रेल संपर्क है और इस काम को मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते पूरा किया गया था।”
इंफाल नगर निगम चुनाव के लिए आयोजित अब तक की इस पहली चुनावी सभा के लिए सुरक्षा के भारी इंतजाम किए गए थे। क्योंकि आंदोलनरत कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि राजनीतिक पार्टियां यहां चुनावी प्रचार करने के बदले नई दिल्ली जाएं और आईएलपी के मुद्दे पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात करें।इंफाल, 29 मई (आईएएनएस)| मणिपुर के मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह ने रविवार को भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर पूर्वोत्तर राज्यों में अस्थिरता पैदा करने के लिए निशाना साधा। सिंह ने दो जून को प्रस्तावित नगर निगम चुनाव से पूर्व इंफाल पश्चिम जिले के क्वोकीथल मोइरंग पुरेल में एक चुनावी रैली में कहा, “भाजपा जब भी केंद्र में सत्ता में आती है, मणिपुर में हमेशा अस्थिरता पैदा करती है।”
सिंह ने यद्यपि अपने आरोपों को स्पष्ट नहीं किया, लेकिन उनका इशारा 18 जून, 2001 को हुई हिंसा के संदर्भ में था, जिसमें 18 लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हो गए थे। यह घटना तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार द्वारा नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड-इसाक-मुइवा के साथ संघर्ष विराम बढ़ाने के बाद हुई थी।
पिछले वर्ष से मणिपुर में इनर लाइन परमिट (आईएलपी) प्रणाली की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इन प्रदर्शनों में एक विद्यार्थी की मौत हो गई है और 500 से अधिक लोग घायल हो गए हैं।
दूसरी तरफ आईएलपी की मांग के खिलाफ आयोजित रैलियों के दौरान चूड़ाचांदपुर जिले में नौ लोगों की मौत हो गई। लगभग एक महीने तक प्रवासी विरोधी तीन विधेयकों को लागू करने की मांग को लेकर राज्य में विरोध प्रदर्शन हुआ है। ये तीनों विधेयक पिछले वर्ष 31 अगस्त को विधानसभा में पारित किए गए थे।
नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला करते हुए इबोबी सिंह ने कहा, “संप्रग सरकार ने पूर्वोन्मुखी नीति पेश की थी। राजग ने इसे बदल कर एक्ट ईस्ट पॉलिसी कर दिया। लोगों को पिछले दो वर्षो में कोई बदलाव नहीं दिखाई दिया।”
उन्होंने कहा, “मणिपुर में जितनी भी परियोजनाएं शुरू हुईं, सब संप्रग सरकार के दौरान। अब मणिपुर के तुपुल तक रेल संपर्क है और इस काम को मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते पूरा किया गया था।”
इंफाल नगर निगम चुनाव के लिए आयोजित अब तक की इस पहली चुनावी सभा के लिए सुरक्षा के भारी इंतजाम किए गए थे। क्योंकि आंदोलनरत कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि राजनीतिक पार्टियां यहां चुनावी प्रचार करने के बदले नई दिल्ली जाएं और आईएलपी के मुद्दे पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात करें।–आईएएनएस
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