भामाशाहों के दान से भावी पीढ़ी का विकास : देवनानी

जयपुर, 28 जून (जनसमा)। राजस्थान के विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने कहा है कि मानव कल्याण के लिए दिया गया धन श्रेष्ठ दान है और भामाशाहों द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में दिया जाने वाला यह सहयोग शैक्षिक उन्नति को बढ़ाने की दिशा में प्रेरक का कार्य करता है। मेघवाल मंगलवार को बिड़ला सभागार में आयोजित राज्य स्तरीय 22वें भामाशाह सम्मान समारोह-2016 को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप स्वाभिमान एवं स्वतंत्रता के लिए लड़े लेकिन खजाना खाली हो जाने के कारण उत्पन्न स्थिति से उबारने के लिए भामाशाह ने अपनी सम्पूर्ण सम्पत्ति को दान कर त्याग और समर्पण की एक नयी मिसाल कायम की जिससे मेवाड़ अपने स्वाभिमान की रक्षा के लिए लड़ सका।

इस अवसर पर राजस्थान के शिक्षा राज्यमंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने महा मानव भामाशाह का स्मरण करते हुए कहा कि वर्तमान काल खण्ड विकास का काल है। जहां भामाशाह ने अपने खून-पसीने की गाढ़ी कमाई को राज्य के स्वाभिमान के लिए समर्पित की थी वहीं आज के भामाशाह अपनी मेहनत से अर्जित धन को शिक्षा के लिए दान कर रहे हैं, जो भावी पीढ़ी के विकास के लिए महत्वपूर्ण योगदान है।

उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षा के आधारभूत ढांचे के विकास के लिए भामाशाहों का योगदान सन् 2014 में 13 करोड़ 68 लाख, 2015 में 20 करोड़ 24 लाख रहा जो वर्ष 2016 में बढ़कर 27 करोड़ से ज्यादा हो गया, इसके लिए मैं हृदय से उनका कृतज्ञ हूं। उन्होंने कहा कि देश की शिक्षा की स्थिति में हम राजस्थान को प्रथम 10 राज्यों की पंक्ति में ला रहे हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को हमने आश्वस्त किया है कि प्रदेश देश के प्रथम पांच राज्यों में शामिल होगा।