नई दिल्ली, 16 जुलाई | भारत की ‘एक्ट ईस्ट नीति’ और भारतीय नौसेना के बढ़ते कदमों और अभियान के तहत भारतीय नौसेना के जहाज शहयाद्री, शक्ति और किरच शुक्रवार को पूर्वी नौसेना कमान के वरिष्ठ अधिकारी एडमिरल एस. वाई. भोकारे, वाई. एस. एम., एम. एम. की अगुवाई में केलांग बंदरगाह पहुंचे। इसका उद्देश्य पश्चिमी प्रशांत सागर और दक्षिण चीन सागर में पूर्वी बेड़े की मौजूदगी दर्ज कराना है।
यहां जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, इस यात्रा के दौरान दोनों देशों की सेनाओं के मध्य सहयोग बढ़ाने की दिशा में भारतीय जहाज और मलेशिया की नौसेना के बीच व्यावसायिक बातचीत होगी। इसके अलावा दोनों देशों की सेनाओं के बीच आपसी समझ और रिश्तों को मजबूत करने के उददेश्य से दोनों देशों की सरकारों और सैनिक अधिकारियों के बीच सांस्कतिक और श्रेष्ठ तकनीक को साझा करने की योजना है।
भारतीय नौ सेना का एक अन्य जहाज। फोटो साभार : भारतीय नौसेना
बयान में कहा गया है कि भारतीय युद्धपोत खोज और बचाव अभियानों के साथ ही संचार में पारस्परिकता को बढ़ाने के उददेश्य से मलेशिया की नौसेना के साथ युद्धाभ्यास भी करेंगे। भारत और मलेशिया के बीच दो दशकों से चले आ रहे मजबूत दिपक्षीय दोस्ताना रिश्ते, दक्षिण भारत और मलय प्रायदीप के मध्य सांस्कृतिक, धार्मिक और आर्थिक संबंधों पर आधारित है। आसियान में मलेशिया, भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
बयान के अनुसार, वर्तमान यात्रा का उद्देश्य भारतीय नौसेना और मलेशिया की नौसेना के मध्य समुद्री सहयोग बढ़ाना है। इसे भारत और मलेशिया के दोस्ताना संबंधों से और बल मिलेगा और विश्व के इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता लाने में मदद मिलेगी।
आईएनएस शहयाद्रि की कमान कैप्टन के. एस. राजकुमार, आईएनएस शक्ति की कमान कैप्टन गगन कौशल और आईएनएस किरच की कमान कमांडर शरद सिंशुनवाल संभाल रहे हैं।– आईएएनएस
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