भारतीय रेल ने ट्रेनों की टक्कर रोकने के लिए नए किस्म के सिस्टम का उपयोग करने का फैसला किया है।
भारतीय रेल ने स्वदेशी रूप से विकसित ट्रेन कोलिजन अवॉइडेंस सिस्टम को मंजूरी दी है जो ट्रेनों को टक्कर से बचने में मदद करेगा और इससे यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
इससे रेलवे के परिचालन एवं रख-रखाव व्यवस्था में रणनीतिक बदलाव आएगा।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज 09 जून,2021 को इसके साथ ही भारतीय रेल को स्टेशन परिसर एवं रेलगाड़ियों में सार्वजनिक बचाव व सुरक्षा सेवाओं के लिए 700 मेगाहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी बैंड में 5 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के आवंटन संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
यह मौजूदा बुनियादी ढांचे का उपयोग करके अधिक तादाद में ट्रेनों को चलाने के लिए लाइन क्षमता और सुरक्षा को बेहतर करने में मदद करेगा। इससे आधुनिक रेल नेटवर्क तैयार होने से परिवहन लागत में कमी आएगी और प्रवाह क्षमता में सुधार होगा।
भारतीय रेल ने अपने मार्ग पर एलटीई (लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन) आधारित मोबाइल ट्रेन रेडियो संचार प्रदान करने की परिकल्पना की है। परियोजना में अनुमानित निवेश 25,000 करोड़ रुपये से अधिक है। यह परियोजना अगले पांच साल में पूरी होगी।
Follow @JansamacharNews