हैदराबाद, 18 जून | देश को पहली बार लड़ाकू विमान उड़ाने वाली तीन महिला पायलट मिली हैं। तीनों को सफल प्रशिक्षण के बाद शनिवार को कमीशन दिया गया। हैदराबाद के बाहरी इलाके दुन्दिगल में स्थित वायुसेना अकादमी में सफल प्रशिक्षण के बाद रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने अवनी चतुर्वेदी, भावना कांत और मोहना सिंह को शनिवार को भारतीय वायुसेना में औपचारिक तौर पर शामिल करने के लिए ‘प्रेसिडेंट्स कमीशन’ कमीशन दिया। ये तीनों ‘कंबाइंड ग्रेजुएशन परेड’ में आकर्षण का केंद्र बनी रहीं।
सभी बाधाओं को पार कर भारतीय वायु सेना के इतिहास में अपना नाम दर्ज करने वाली अवनी, भावना और मोहना को कर्नाटक के बिदार में तीसरे स्तर के प्रशिक्षण को पूरा करने के बाद अगले साल सुखोई और तेजस जैसे लड़ाकू विमान उड़ाने दिए जाएंगे।
फोटों में तीन पहली लड़ाकू पायलट अवनि चतुर्वेदी, भावना कंठ और मोहना सिंह
पिलॉटस और किरन जेट उड़ाने का प्रशिक्षण हासिल कर चुकीं इन महिलाओं को अब एक साल तक हॉक उड़ाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसके बाद उन्हें सुपरसोनिक लड़ाकू विमान उड़ाने की अनुमति होगी।
रक्षा मंत्री की ओर से भारतीय वायुसेना में कमीशन मिलने के बाद तीनों लड़ाकू महिला पायलट काफी उत्साहित और खुश हैं।
संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि महिला लड़ाकू पायलटों के पहले दल का हिस्सा बनना काफी सम्मान की बात है।
अवनी ने कहा, “हम देश की सेवा के लिए मिले इस अवसर से काफी खुश हैं।”
तीनों ने कहा कि अकादमी में छह माह के प्रशिक्षण के दौरान उन्हें काफी अच्छा लगा और उन्होंने कभी ऐसा महसूस नहीं किया कि एक महिला होने के नाते उनसे अलग व्यवहार किया जा रहा है।
सशस्त्र बल में वे किस तरह की भूमिका की उम्मीद कर रही हैं, इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, वे अपने अगले प्रशिक्षण चरण पर ध्यान केंद्रित करेंगी।
मध्य प्रदेश के सतना की रहने वाली अवनी के परिवार के सदस्य सैन्य अधिकारी हैं और उसे इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सेना में भर्ती अपने भाई से प्रेरणा मिली।
अवनी हमेशा से उड़ना चाहती थी और इसलिए वह अपने कॉलेज के फ्लाइंग क्लब में शामिल हुईं।
वहीं, बिहार के दरभंगा की रहने वाली भावना का बचपन से ही विमान उड़ाने का सपना था।
प्रथम स्तर का प्रशिक्षण पूरा करने के बाद भावना ने लड़ाकू श्रेणी को चुना। ‘इंडियन ऑयल कोर्पोरेशन’ में अधिकारी की बेटी भावना का हमेशा से लड़ाकू पायलट बनने और देश की सेवा करने का सपना था।
राजस्थान के झुनझुनु जिले की निवासी मोहना के दादा ‘एविएशन रिसर्च सेंटर’ में फ्लाइट गनर थे और उनके पिता आईएएफ में वारंट अधिकारी हैं। मोहना देश की सेवा करने वाली परिवार की विरासत को आगे बढ़ाने को लेकर काफी उत्साहित हैं।
भारतीय वायु सेना में 1991 से ही महिला पायलट हेलीकॉप्टर और परिवहन एयरक्राफ्ट उड़ाती रही हैं। पिछले साल सरकार ने फैसला लिया था कि महिलाओं को लड़ाकू विमान उड़ाने की भी अनुमति दी जाएगी।
इस साल फरवरी में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने घोषणा की थी कि महिला कैडेटों को सभी तीन सेनाओं में लड़ाकू भूमिकाओं की अनुमति होगी।
‘कंबाइंड ग्रेजुएशन परेड’ को संबोधित करते हुए पर्रिकर ने कहा कि और अधिक महिलाएं सशस्त्र बलों से जुड़ेंगी।
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