नई दिल्ली, 8 अगस्त (आईएएनएस)| लकी अली उस दौर के गायक हैं, जब भारतीय पॉप शैली देश में चरम पर थी। वह आज भी प्रशंसकों के दिलों में राज करते हैं। उनका कहना है कि देश में ‘लाइव कॉन्सर्ट्स’ का चलन बढ़ा है, जो देश के संगीत परिदृश्य में हुए बदलाव को दर्शाता है और बताता है कि यहां संगीत की कई शैलियां फल-फूल रही हैं। ‘ओ सनम’ के गायक लकी अली ने एक बयान में कहा, “भारतीय संगीत उद्योग का हिस्सा बनने के लिए यह सबसे अच्छा और रोमांचक समय है। संगीतोत्सव एवं कॉन्सर्ट्स, विभिन्न शैलियां और प्रयोगात्मक संगीत देश में कभी मुख्यधारा का समझे जाने वाले संगीत को चुनौती दे रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “हमने 1990 के दशक से अब तक वास्तव में एक लंबा सफर तय किया है। मुझे खुशी है कि मैं उस दौर का हिस्सा था। मैं देश के वर्तमान संगीत परिदृश्य का हिस्सा बनकर भी उतना ही खुश हूं।”
लकी अली ने हिंदी फिल्मों के लिए ‘आ भी जा’ और ‘एक पल का जीना’ जैसे यादगार गीत भी गाए हैं। उनका कहना है कि संगीत ऐसा होना चाहिए कि किसी को भी इससे सुखद अनुभूति हो।
उन्होंने कहा, “इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि संगीत शास्त्रीय हो या पश्चिमी या दोनों का मिश्रण। संगीत को किसी सीमा में नहीं बांधना चाहिए और इसे अपील करने वाला होना चाहिए। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए कि इसकी शैली क्या है।”
गायक ने पिछले महीने सोना महापात्र और पापोन के साथ दिल्ली-एनसीआर में रेड लाइव अनवाइंड में प्रस्तुति दी थी। –आईएएनएस
(फाइल फोटो)
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