भारतीय संस्कृति पर्यावरण सरंक्षण की रही है— राठौड़

जयपुर, 01 जून (जनसमा)। राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने कहा है कि भारतीय संस्कृति पर्यावरण संरक्षण और पर्यावरण के पोषण की रही है। विश्वभर में प्रकृति के अन्धाधुंध दोहन से बिगड़ रहे प्राकृतिक सन्तुलन को सुधारने के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाने की आवश्यकता है।

राठौड़ बुधवार को प्रातः अग्रवाल कॉलेज सभागार में अमृता देवी पर्यावरण नागरिक संस्थान के तत्वावधान में आयोजित विशाल वृ़क्षारोपण व प्रेरणा सभा को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया एवं इस अवसर पर विधायक अशोक परनामी एवं जिला कलक्टर श्री सिद्धार्थ महाजन सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ वृक्षारोपण भी किया।

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि हमारे प्राचीन शास्त्रों में निरोगी काया को पहला सुख बताया गया है एवं निरोग रहने के लिए शुद्ध पर्यावरण आवश्यक है। जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण सहित खाद्यान्न उत्पादन में बढ़ते घातक रसायनों के प्रयोग से स्वास्थ्य पर विपरित असर पड़ता है। इन समस्याओं के समाधान के लिए अधिक से अधिक वृ़क्षारोपण किया जाना आवश्यक है।

उन्होंने अमृता संस्थान द्वारा 5 लाख से अधिक पौधे लगाने के कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए लगाये गये पौधाें की बेहतर देखरेख की आवश्यकता प्रतिपादित की। विधायक अशोक परनामी ने कहा कि भारतीय संस्कृति में पर्यावरण को कर्म के साथ जोड़कर घर-घर में तुलसी लगाने के साथ ही पीपल, वटवृक्ष, आंवला इत्यादि एवं नदियों की पूजा करने की परम्परा रही है। उन्होंने कहा कि पौधा लगाकर उसमें समय पर पानी, खाद देकर हम अपना स्वयं का पर्यावरण सुधारने के साथ ही प्रकृति के संतुलन में योगदान दे सकते हैं।