वाशिंगटन, 8 जून | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि जब भारत ने स्वतंत्रता के बाद लोकतंत्र के प्रति आस्था जताई थी तो बहुत लोगों ने संदेह व्यक्त किया था, लेकिन भारत आज एक होकर जीता है, बढ़ता है और उत्सव मनाता है।
अमेरिकी संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, “जब भारत नया-नया स्वतंत्र देश बना था तो बहुतों ने संदेह जताया था, हमने लोकतंत्र में अपनी आस्था जताई थी। “
पाकिस्तान का नाम लिए बिना मोदी ने कहा कि हमारे पश्चिम के पडोस में आतंकवाद पनप रहा है और उसकसे मुकाबले के लिए सभी को एक जुट होना चाहिए।
मोदी ने कहा कि हमारे देश के संस्थापकों ने स्वतंत्रता, लोकतंत्र एवं समानता को इसकी आत्मा का मूल तत्व रखकर एक आधुनिक राष्ट्र बनाया।
मोदी भारत के पांचवें प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने अमेरिकी संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित किया है।
उन्होंने कहा भारत आज एक होकर जीता है, भारत एक होकर बढ़ता है और भारत एक होकर उत्सव मनाता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत मुक्त लोगों और वीरों की इस भूमि से पुरुषों एवं महिलाओं की महान कुर्बानियों की सराहना करता है। उन्होंने अपने हाथ उठाए और तालियां बजाईं और इसके साथ ही पूरा सदन उठकर खड़ा हो गया और उनके साथ तालियां बजाने लगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत तेजी से तरक्की करती हुई अर्थ व्यवस्था है। हम तय समय में अपने लक्ष्यों को पूरा करेंगे।
उन्होंने कहा, मुझे यह अवसर देकर आपने 1.25 अरब आबादी वाले दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का सम्मान किया है।
मोदी ने विवेकानन्द, महात्मा गांधी और मार्टिन लूथर किंग का अपने भाषण में स्मरण करते हुए कहा कि भारत बड़े स्तर पर सामाजिक और आर्थिक बदलाव के दौर से गुजर रहा है।
इससे पहले प्रधानमंत्री राजीव गांधी, पी.वी. नरसिंह राव, अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह अमेरिकी कांग्रेस की संयुक्त सभा को संबोधित कर चुके हैं।
अमेरिकी संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अमेरिकी संसद के नेतृत्व से मुलाकात की।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट में कहा, लोकतंत्रों के बीच की बातचीत को बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी संसद के नेतृत्व से कैपिटल हिल में मुलाकात की।
कैपिटल हिल पहुंचने पर प्रधानमंत्री का प्रतिनिधि सभा के स्पीकर पॉल रियान ने स्वागत किया।
–आईएएनएस
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