तेहरान, 23 मई | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ईरान यात्रा के दूसरे दिन सोमवार को भारत और ईरान ने कुल 12 समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इनमें तीन समझौते बेहतर संपर्क के लिए चाबहार बंदरगाह को विकसित करने से संबंधित हैं। चाबहार पोर्ट पर इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड एवं ईरान के आर्या बांदर ने चाबहार बंदरगाह बनाने की परिकल्पना पर विचार किया था।
इस बंदरगाह पर भारत को 10 साल के लिए दो डॉक और पांच जहाज लगाने के लिए जगह लीज पर देने पर सहमति बनी थी। इसमें सामान चढ़ाने-उतारने आदि की सुविधा भी शामिल है।
भारत के एक्जिम बैंक और ईरान के पोर्ट्स एवं मेरीटाइम आर्गेनाइजेशन के बीच चाबहार पोर्ट को विकसित करने लिए 15 करोड़ डॉलर कर्ज देने पर सहमति बनी थी।
एक्जिम बैंक और ईरान के पोर्ट्स एवं सेंट्रल बैंक ऑफ ईरान के बीच स्टील की पटरियों के आयात एवं चाबहार पोर्ट परियोजना को अमलीजामा पहनाने के लिए 3,000 करोड़ रुपये तक कर्ज की उपलब्धता संबंध पुष्टिपत्र पर भी हस्ताक्षर किए गए।
इनके अलावा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, संस्कृति एवं रेलवे के क्षेत्र में समझौतों पर हस्ताक्षर हुए।
दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों के बीच एक संयुक्त सचिव/महानिदेशक नीति वार्ता तैयार करने एवं दोनों देश एक नए संस्थागत तंत्र को प्रोत्साहन देने भी चाहते हैं।
जिन अन्य करारों पर हस्ताक्षर हुए, उसमें दोनों देशों के बीच वर्ष 2016 से 2019 तक सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम पर भी समझौता हुआ। इनमें कला एवं संस्कृति, रेडियो, टीवी, मास मीडिया सारे शामिल हैं।
भारत के विदेश मंत्रालय का फॉरेन सर्विस इंस्टीट्यूट और ईरान के विदेश मंत्रालय के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस दोनों पक्षों के बीच राजनयिकों को प्रशिक्षित करने और प्रमुख वक्ताओं के अदला-बदली के लिए सहयोग बढ़ाने को इच्छुक हैं। इस पर भी सहमति बनी।
वर्ष 2003 में भारत के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय औ ईरान के विज्ञान, शोध एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के बीच में सहयोग के लिए जो सहमति बनी थी, उसमें दोनों तरफ से खास सहयोग जैसे अनुभवों को साझा करने, एक-दूसरे के यहां संगोष्ठी एवं सम्मेलनों की बात भी जोड़ी गई।
भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद एवं इस्लामिक संस्कृति एवं संबंध संगठन ने भी परस्पर सहयोग के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए। साथ ही किस तरह से सहयोग किया जाएगा, इसका भी खाका खींचा।
भारत के इरकान और ईरान के कंस्ट्रक्शन, डेपलपमेंट ऑफ ट्रांसपोर्ट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी (सीडीटीआईसी) के बीच भी सहयोग के लिए सहमति बनी। इसके तहत इरकॉन चाबहार-जाहेदान रेल लाइन के निर्माण में जो जरूरत होगी वह सारी सहायता देगी।
इरकान जो सेवाएं मुहैया कराएगी, उनमें निर्माण सेवा एवं परियोजना के लिए धन भी मुहैया कराएगी। यह परियोजना लगभग एक अरब 60 करोड़ डॉलर की होगी।
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