नई दिल्ली, 24 फरवरी (जनसमा)। इंडिया चाइना ट्रेड सेंटर (आईसीटीसी) के कार्यकारी उपाध्यक्ष एवं इंडिया चाइना टेक्नोलॉजी ट्रांसफर सेंटर के अध्यक्ष वी.के . मिश्रा ने कहा है कि भारत और चीन के बीच विभिन्न क्षेत्रों में टेक्नोलॉजी ट्रांसफर बहुत महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी। दोनों देश आर्थिक विकास के संदर्भ में एक.दूसरे की तकनीक को समझें और वातावरण के अनुकूल उत्पादन को बढ़ाने के काम करेंगे।
वी.के . मिश्रा
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के घोषित किए जाने के बाद से व्यापार में पूंजी लगाने वाले विदेशियों, खासकर चीन के व्यापारियों में भारत की साख बढ़ी है और हमारे देश के व्यापार में वृद्धि हुई है।
इंडिया चाइना टेक्नोलॉजी ट्रांसफर कोलोबोरेटिव इनोवेशन एण्ड इन्वेस्टमेंट कांफ्रेंस में अतिथियों का मंगलवार को स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि आज व्यापार के सभी क्षेत्रों में पूंजी लगाने के अवसर बढ़ गए हैं और इससे आर्थिक विकास की गति और तेज होगी।
मिश्रा ने कहा कि इस कांफ्रेंस का उद्देश्य इस प्रकार का ढांचा खड़ा करना है जिसमें भारत.चीन की सरकारोंए व्यापारियों और उद्योगपतियों के बीच सकारात्मक और प्रस्तावों के तुरंत क्रियान्वयन के अवसर बढ़ें। इसके लिए भारत और चीन के बीच टेक्नोलॉजी ट्रांसफर बहुत महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी। दोनों देश आर्थिक विकास के संदर्भ में एक.दूसरे की तकनीक को समझें और वातावरण के अनुकूल उत्पादन को बढ़ाने के काम करेंगे।
आईसीटीसी के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने कहा कि भारत और चीन ने अपनी.अपनी क्षमताओं को समझा है और आर्थिक विकास के लिए एक.दूसरे के साथ अपनी क्षमताओं को साझा किया है। इस नीति के कारण दोनों देश दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
राजीव शुक्ला ने कहा कि यही कारण है कि आज दुनिया की नजर एशिया की ओर है और इसे विकास का इंजन माना जा रहा है] जहां विश्व अर्थव्यस्था के विकास के अनेक अवसर हैं।
शुक्ला ने कहा कि आज की दुनिया 30 साल पहले की दुनिया से बहुत अलग है। जहां न केवल तकनीक का विकास हुआ है बल्कि भविष्य के ठोस आर्थिक विकास के लिए अनेक संभावनाओं ने जगह बनाई है।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह कांफ्रेंस दोनों देश टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के लिए सकारात्मक रूप से काम करेंगे।
इस कांफ्रेंस में साइंस और टेक्नोलॉजी से संबंधित चीनी दूतावास के वरिष्ठ अधिकारियों, चीन के व्यापार संस्थान के प्रतिनिधियोंए, भारतीय वैज्ञानिकों और व्यापार संस्थानों ने भाग लिया।
इंडिया-चाइना टेक्नोलॉजी ट्रांसफर कोलोबोरेटिव इनोवेशन एण्ड इन्वेस्टमेंट कांफ्रेंस में अतिथियों का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि आज व्यापार के सभी क्षेत्रों में पूंजी लगाने के अवसर बढ़ गए हैं और इससे आर्थिक विकास की गति और तेज होगी।
मिश्रा ने कहा कि इस कांफ्रेंस का उद्देश्य इस प्रकार का ढांचा खड़ा करना है जिसमें भारत-चीन की सरकारों, व्यापारियों और उद्योगपतियों के बीच सकारात्मक और प्रस्तावों के तुरंत क्रियान्वयन के अवसर बढ़ें। इसके लिए भारत और चीन के बीच टेक्नोलॉजी ट्रांसफर बहुत महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी। दोनों देश आर्थिक विकास के संदर्भ में एक-दूसरे की तकनीक को समझें और वातावरण के अनुकूल उत्पादन को बढ़ाने के काम करेंगे।
आईसीटीसी के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने कहा कि भारत और चीन ने अपनी-अपनी क्षमताओं को समझा है और आर्थिक विकास के लिए एक-दूसरे के साथ अपनी क्षमताओं को साझा किया है। इस नीति के कारण दोनों देश दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
राजीव शुक्ला ने कहा कि यही कारण है कि आज दुनिया की नजर एशिया की ओर है और इसे विकास का इंजन माना जा रहा है, जहां विश्व अर्थव्यस्था के विकास के अनेक अवसर हैं।
शुक्ला ने कहा कि आज की दुनिया 30 साल पहले की दुनिया से बहुत अलग है। जहां न केवल तकनीक का विकास हुआ है बल्कि भविष्य के ठोस आर्थिक विकास के लिए अनेक संभावनाओं ने जगह बनाई है।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह कांफ्रेंस दोनों देश टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के लिए सकारात्मक रूप से काम करेंगे।
इस कांफ्रेंस में साइंस और टेक्नोलॉजी से संबंधित चीनी दूतावास के वरिष्ठ अधिकारियों, चीन के व्यापार संस्थान के प्रतिनिधियों, भारतीय वैज्ञानिकों और व्यापार संस्थानों ने भाग लिया।
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