भारत और मिस्र अगले पांच वर्षों में अपने द्विपक्षीय व्यापार को 12 बिलियन डॉलर तक ले जाएँगे।
यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिस्र के राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान आज 25 जनवरी, 2023 को एक वक्तव्य में कही है। उन्होंने आज नई दिल्ली में मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल सीसी के साथ बातचीत की।
दोनों देशों के बीच साइबर सुरक्षा, संस्कृति, सूचना प्रौद्योगिकी, युवा कार्य और प्रसारण क्षेत्र से संबंधित समझौतों पर हस्ताक्षर हुए।
बैठक के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद मानवता की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा है। भारत और मिस्र विश्व में आतंकवाद के प्रसार पर चिंतित हैं।
उन्होंने कहा कि भारत और मिस्र विश्व की सबसे पुरानी सभ्यताओं मे से हैं। चार हजार वर्षों से भी पहले, गुजरात के लोथल पोर्ट के माध्यम से मिस्र के साथ व्यापार होता था।
प्रधानमंत्री ने कहा “पिछले कुछ वर्षों में हमारे आपसी सहयोग में और गहराई आई है और मैं इसका बहुत बड़ा श्रेय मेरे मित्र राष्ट्रपति सीसी के कुशल नेतृत्व को देना चाहूंगा।”
उन्होंने कहा कि इस वर्ष भारत ने अपनी G-20 अध्यक्षता के दौरान Egypt को अतिथि देश के रूप में आमंत्रित किया है, जो हमारी विशेष मित्रता को दर्शाता है।
मोदी ने कहा “अरब सागर के एक छोर पर भारत है तो दूसरी ओर Egypt है। दोनो देशों के बीच सामरिक समन्वय पूरे क्षेत्र मे शांति और समृद्धि के लिए मददगार होगा। इसलिए आज की बैठक में राष्ट्रपति सीसी और मैंने हमारी द्विपक्षीय भागीदारी को “Strategic Partnership” के स्तर पर ले जाने का निर्णय लिया। हमने तय किया है कि भारत-Egypt Strategic Partnership के तहत हम राजनीतिक, सुरक्षा, आर्थिक एवं वैज्ञानिक क्षेत्रों में और अधिक व्यापक सहयोग का long-term ढांचा विकसित करेंगे। “
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज हमने COVID और उसके बाद यूक्रेन संघर्ष के कारण प्रभावित हुए फ़ूड और फ़ार्मा सप्लाई chains को, उस पर भी मजबूत करने की दिशा में व्यापक चर्चा की है। इन क्षेत्रों में आपसी निवेश और व्यापार बढ़ाने की आवश्यकता पर भी सहमत हुए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और मिस्र ने मिलकर ये तय किया कि अगले पांच वर्षों में हम अपने द्विपक्षीय व्यापार को 12 बिलियन डॉलर तक ले जाएँगे।
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