नई दिल्ली, 23 अप्रैल | वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में भारत की भागीदारी 15 वर्षो के दौरान दोगुनी हो गई है। उद्योग निकाय पीएचडी चैंबर्स ने शनिवार को यह जानकारी दी। साल 2000 में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) दुनिया के सकल घरेलू उत्पाद का 1.43 फीसदी था, जो 2015 में दोगुना बढ़कर 2.86 फीसदी हो गया है।
पीएचडी चैंबर के अध्यक्ष महेश गुप्ता ने एक बयान में कहा, “भारत की जीडीपी साल 2000 में 477 अरब डॉलर थी, जो साल 2015 में बढ़कर 2,091 अरब डॉलर हो गई, जो 15 वर्षो के दौरान चार गुनी से भी अधिक की वृद्धि है।”
बयान के मुताबिक, ब्रिक्स के पांचों देशों -ब्राजील, रूस, भारत, चीन तथा दक्षिण अफ्रीका- की कुल जीडीपी 16,000 अरब डॉलर है।
गुप्ता ने कहा, “ब्रिक्स की अर्थव्यवस्था दुनिया की जीडीपी में भी महत्वपूर्ण योगदान करती है, जो साल 2000 में 8.27 फीसदी थी और साल 2015 में बढ़कर 22.53 फीसदी हो गई।”
साल 2015 में ब्रिक्स देशों में चीन की जीडीपी 15.01 फीसदी, भारत की 2.86 फीसदी, ब्राजील की 2.42 फीसदी, रूस की 1.81 फीसदी तथा दक्षिण अफ्रीका की 0.43 फीसदी रही।
दिलचस्प बात तो यह है कि साल 2000 के बाद खासकर साल 2008 के आर्थिक संकट के बाद ब्रिक्स देशों की जीडीपी में गजब की बढ़ोतरी शुरू हुई, वहीं भारत की जीडीपी भी अच्छी रही।
गुप्ता ने कहा, “भारत 2016-17 के दौरान जीडीपी के आठ फीसदी रहने की उम्मीद कर रहा है। निजी खपत के कारण वृद्धि जारी रहने की उम्मीद है, जिसे ऊर्जा की कम कीमतों व उच्च वास्तविक आय से लाभ होगा।”(आईएएनएस)
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